आधी आबादी क्या फिर केजरीवाल पर होगी मेहरबान ?

Delhi Assembly elections 2025 : आधी आबादी क्या फिर केजरीवाल पर होगी मेहरबान ?
Delhi Assembly elections 2025 : क्या दिल्ली के ‘चुनावी खेल’ में महिलाएं ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ साबित होंगी? आंकड़े तो फिलहाल यही बयां कर रहे हैं। दिल्ली में करीब 1. 55 करोड़ मतदाता हैं जिनमें महिलाएं करीब 71.73 लाख हैं यानी कुल मतदाता का 46 फीसदी हिस्सा महिलाएं हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में करीब 62 फीसदी महिलाओं ने सरकार चुनने में अपना योगदान दिया था। 2020 में दिल्ली की महिलाओं ने आम आदमी पार्टी को करीब 25 फीसदी ज्यादा मत बीजेपी की तुलना में दिया था। 2025 में भी महिलाएं जिस पार्टी पर मेहरबान होंगी, जीत उसकी पक्की है।
महिलाओं की भूमिका और समर्थन मिलने का विश्वास आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व सीएम अरविन्द केजरीवाल को पूरा है। केजरीवाल कहते हैं, “महिलाओं सुनों खुद भी वोट डालने जाओ और पुरुषों को भी ले जाओ।” केजरीवाल के मुताबिक “मेरे अनुमान है कि आम आदमी पार्टी की 55 सीट आ रही हैं लेकिन अगर मेरी मां-बहनें जोर का धक्का लेगा दें तो 60 पहुंच सकती हैं। मेरी सभी महिलाओं से अपील है। ये चुनाव महिलाओं का चुनाव है। एक-एक महिला वोट डालने जाएं और अपने घर के पुरुषों को समझाएं कि हर पुरुष अपना वोट डालें अगर सारी महिलाएं लग गई तो 60 सीटें आ जाएंगी।”
महिला वोटरों को लुभाने में जुटी पार्टियां
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां और उम्मीदवार महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए एक से बढ़कर एक वादे कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी पिछले 5 साल से महिलाओं को बस में फ्री सफर करा रही है। इससे वे महिलाएं जो हर दिन ऑफिस के लिए बाहर निकलती हैं या कॉलेज आना जाना करती हैं उन्हें काफी फायदा हो रहा है। आम आदमी पार्टी मानती है कि इन महिलाओं को हर महीने वो कम से कम 1000 रुपए बचत करा रही है।
महिलाओं को फ्री बस सेवा के मुद्दे पर बीजेपी का कहना है कि वो सारी सुविधाएं लागू रखेंगी जो आम आदमी पार्टी सरकार में चल रही हैं जबकि कांग्रेस इस पर खुलकर कुछ नहीं बोल रही है। छात्राओं की बड़ी संख्या मेट्रो से सफर करती हैं क्योंकि इससे वक्त पर पहुंचना आसान है। इनके लिए आम आदमी पार्टी ने मेट्रो का किराया आधा करने का ऐलान किया है और केन्द्र से आधा पैसा माफ करने की गुजारिश की है ताकि छात्र-छात्राएं फ्री में मेट्रो में सफर कर सकें लेकिन इस पर मोदी सरकार मौन है। बीजेपी ने भी दिल्ली वालों से ऐसा कोई वादा नहीं किया है। आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ कहती हैं कि “भाजपा अपने कौन से राज्य में बस यात्रा फ्री दे कर महीने का 2000-3000 रुपए की बचत करवा रही है? बताइए।”
परिवार में जितनी महिलाएं उतने 2100 रुपये
महिलाओं के खाते में पैसे डालने का वादा भी पार्टियों ने किया है। आम आदमी पार्टी हर महिला के खाते में 2100 रुपए प्रति माह डालने की गारंटी दे रही है। परिवार में जितनी महिलाएं उतने 2100 रुपए जुड़ेंगे। महिला सम्मान योजना के साथ-साथ बुजुर्गों के इलाज के लिए शुरू किए जा रहे संजीवनी योजना का लाभ भी 60 साल से ऊपर की महिलाओं को मिलेगा। इसके तहत फ्री में दिल्ली के बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में बगैर कोई पैसा खर्च किए इलाज हो पाएगा। इसका फायदा पूरे परिवार को होगा।
इसके साथ ही बीजेपी ने महिला समृद्धि योजना, मातृत्व लाभ, गैस सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी का वादा किया है। वहीं कांग्रेस ने भी प्यारी दीदी योजना के तहत 2500 रुपए महिलाओं के खाते में डालने, 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया है। कांग्रेस ने विधवा महिलाओं की बेटियों और अनाथ लड़कियों की शादी में 1.1 लाख का शगुन देने का वादा भी किया है।
आम आदमी पार्टी की हर मोहल्ले में खोले गए मोहल्ला क्लिनिक का फायदा महिलाओं को ज्यादा हो रहा है। महिलाएं अक्सर अपने काम में उलझकर छोटी-मोटी बीमारियों को नजरअंदाज कर देती हैं, लेकिन नजदीक में मोहल्ला क्लीनिक में फ्री इलाज और दवाईयां मिलने की वजह से उन्हें जाने में दिक्कत नहीं होती है और इलाज भी जल्दी हो जाता है। इसलिए महिलाओं में मोहल्ला क्लीनिक का क्रेज ज्यादा है। महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा वोट डालने की अपील करते हुए केजरीवाल ने कहा कि “अपने अपने घर के मर्दों को बेटे, पति को समझाना कि बीजेपी में कुछ नहीं रखा। बीजेपी अमीरों की पार्टी है। काम तो केजरीवाल ही आएगा वही अपने बच्चों के लिए स्कूल बनवाएगा, वहीं बिजली फ्री, पानी फ्री करेगा, वहीं बस फ्री करेगा और बुढ़ापे में फ्री इलाज भी कराएगा।”
महिला की सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा
दिल्ली में कानून व्यवस्था भी बड़ा मुद्दा है। महिलाओं के साथ आए दिन अपराध की घटनाएं सुर्खियां बटोर रही हैं। आम आदमी पार्टी इसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी को कटघरे में खड़ी करती रही है क्योंकि दिल्ली की कानून व्यवस्था का जिम्मा केन्द्र के हाथों में है। केजरीवाल के मुताबिक “भाजपा की केंद्र सरकार की जिम्मेदारी थी दिल्ली में कानून व्यवस्था लागू करना मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया और आज दिल्ली में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। हम जो कुछ कर सकते थे हमने किया इसी में अब हम एक और कदम आगे बढ़ने जा रहे हैं दिल्ली में जितनी भी RWA हैं उनको सुरक्षाकर्मी रखने के लिए हम पैसा देंगे।
महिलाओं के इतने महत्व के बावजूद उम्मीदवारों के रूप में पार्टियां इन पर विश्वास नहीं कर पाई हैं। इस चुनाव में महिला उम्मीदवारों की बात करें तो आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस सभी ने 9-9 महिलाओं को टिकट दिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी भी महिला हैं जो आम आदमी पार्टी की तरफ से कालकाजी की विधायक होने के साथ साथ उम्मीदवार भी हैं। अब देखना होगा कि इन 24 महिलाओं में से कितनी महिलाएं विधानसभा की दहलीज पार कर पाती हैं।
रंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार
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