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महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना पर बजट सत्र से पहले लिया जाएगा फैसला : अजित पवार

Maharashtra : राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड़ न्यूज़ है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया है कि आगामी बजट सत्र से पहले इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा।

अजित पवार ने क्या दी जानकारी?

सनद रहे कि राज्य विधानसभा का बजट सत्र सामान्य तौर पर हर साल फरवरी-मार्च में होता है। नागपुर में विधान भवन परिसर में पवार ने ओपीएस की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से हुई बात-चीत की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मांग पर विचार करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट मिल गई है।

ओपीएस 2005 में बंद कर दिया गया था

राज्य में अनेक सरकारी और अर्द्ध-सरकारी कर्मचारी ओपीएस को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। जिसे राज्य में 2005 में बंद कर दिया गया था। ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन मिलती थी। तब इसमें कर्मचारियों की ओर से अंशदान की जरूरत नहीं होती थी।  

नई पेंशन योजना क्या है?

नई पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार के कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते के दस प्रतिशत का अंशदान देते हैं, और इतनी ही हिस्सेदारी सरकार की ओर से होती है। इस धन का निवेश पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत अनेक पेंशन फंड में किया जाता है, और यह धन बाजार से जुड़ा होता है। पवार ने कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी कर्मचारी नेताओं से बात करेंगे। नागपुर में विधान भवन परिसर में पवार ने ओपीएस की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से हुई बात-चीत की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मांग पर विचार करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट मिल गई है।

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