Advertisement

CWG 2022: मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से बर्मिंघम में गूंजा ‘जन गण मन’, भारत का पहला गोल्ड

Share
Advertisement

टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडलिस्ट भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने एक और इतिहास रच दिया है। उन्होंने शनिवार को हुए महिलाओं की 49 kg वर्ग वेटलिफ्टिंग गेम्स में गोल्ड मेडल जीत देश का नाम रोशन कर दिया है। बता दें चानू ने क्लीन एंड जर्क के अपने पहले ही प्रयास में 109 किलो ग्राम का भार उठाया और गोल्ड मेडल जीत लिया। इसी के साथ वह तीसरे प्रयास में असफल रहीं लेकिन उससे फर्क नहीं पड़ा क्योंकि 201 किलो के स्वर्णिम प्रदर्शन के साथ वह पोडियम पर पहले स्थान पर रहीं।

Advertisement

यह भी पढ़ें: Earthquake In Nepal: 7:58 मिनट पर भूकंप के झटकों से कांपा काठमांडू, बिहार के कई जिलों में दिखा असर

बर्मिंघम में जन गण मन

भारत की बेटी मीराबाई चानू के कारण शनिवार को पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। बता दें बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग में भारत का यह तीसरा मेडल है। 27 वर्षीय मीराबाई का राष्ट्रमंडल खेलों में यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। इसी के साथ उन्होंने इससे पहले, पिछली बार गोल्ड कोस्ट (2018) में भी गोल्ड मेडल जीता था और 2014 (ग्लास्गो) में रजत पदक हासिल किया था। मीराबाई के अलावा मौरिशियस की मारी रानाइवोसोआ दूसरे स्थान पर रहीं जबकि कनाडा की हानाह कामस्कीं ने कांस्य पदक हासिल किया।

आसान नहीं रहा सफर

मीराबाई चानू का यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं था। जब वह छोटी थीं तो घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वो अपने भाई बहनों के साथ जंगलों से लकड़ियों के गट्ठर लाती थीं। लकड़ियों के गट्ठर उठाते-उठाते मीराबाई में एक असामान्य प्रतिभा जाग गई और मात्र 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने लोकल वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में अपने जीवन का पहला पदक जीत लिया। बता दें मीराबाई चानू की मां तोम्बी लीमा ने बताया था कि मीराबाई की डाइट के लिए पैसे नहीं थे। उनकी डाइट का इंतजाम करने के लिए ही गांव में चाय-नाश्ते की दुकान खोली।

यह भी पढ़ें: Weather Update: देश के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति, जानें अपने शहर का हाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *