उत्तरकाशी में मुस्लिमों की दुकानों पर लगे विवादित पोस्टर, जानें पूरा मामला

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लवजिहाद के मामले ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। दक्षिणपंथी समूहों ने हिंदुओं के साथ मिलकर मुसलमानों के घरों और दुकानों को खाली कराने की ठान ली है। अल्पसंख्यकों को भागने या कार्रवाई का सामना करने के लिए 15 जून तक का अल्टीमेटम भी दे दिया गया है।
उत्तरकाशी जिले में लव जिहाद को लेकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, हाल ही में नाबालिग लड़की का अपहरण करने की कोशिश करने के लिए एक मुसलमान युवक सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले से गुस्साएं दक्षिणपंथी कार्यकर्ता हिंदुओं से मिल रहे हैं। वे पुरोला कस्बे के जमींनदारों से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के घरों और दुकानों को खाली कराने की बात कह रहे है। दक्षिणपंथियों ने मुसलमानों की दुकानों पर नोटिस भी लगा रखी है। जिसकर दुकानदारों को दुकान खाली करने या परिणाम के लिए तैयार रहने की बात लिखी हुई है। नोटिस पर उन्हें भागने या कार्रवाई का सामना करने के लिए 15 जून तक की समय सीमा भी दी गई है।
पिछले एक महीने से दुकानें है ज़बरन बन्द
पुरोला कस्बे में 30 से अधिक दुकानों को पिछले एक महीने से ज़बरन बन्द कराया गया है। उत्तरकाशी के अल्पसंख्यक लोगों का कहना है कि उन्हें दक्षिणपंथिओं और हिंदुओं द्वारा डराया जा रहा है। इससे पहले बाहरी लोगों के साथ भी यही किया जाता था।
एक दुकानदार ने बताया कि ‘मेरा परिवार 50 साल से किराए पर दुकान चला रहा है। पुरोला में हमारे परिवार की तीन पीढ़ियां रहती हैं- उनमें से मैं भी शामिल हूं। हम यहां पैदा हुए थे। इतने सालों से यहां का होने के कारण लोग हमें जानते हैं। हमारा कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे हैं। अब, मकान मालिक को दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से दुकान खाली कराने के लिए कहा गया है’।
लाखों का हो रहा है नुक्सान
पिछले एक महीने से दुकानें बन्द होनो के कारण दुकानदारों को भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। वे कहते हैं कि ‘हमारी वित्तीय स्थिति पर सीधा प्रभाव पड़ा है। हमें अपने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा का भी डर सता रहा है। ये हमारे घर और पीढ़ियों की आजीविका हैं। अगर हमें अपने शहर से बाहर जाने के लिए मजबूर किया जाता है, तो हमारे पास जाने के लिए और कोई ठिकाना नहीं है’।
मैं इस मामले में डर नहीं रहा हूं– धरम सिंह नेगी
इस मामले को लेकर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं से मिले धरम सिंह नेगी ने मीडिया को बताया कि– ‘मैं इस मामले में डर नहीं रहा हूं। वे जो कर रहे हैं, वह सही नहीं है। ये लोग(मुस्लिम) अपने व्यवसायों और घरों के साथ यहां 40 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी दुकान खाली कराने से इनकार कर दिया। दक्षिणपंथी संगठन के लोगों को इसे गिराने की चुनौती दी है’।
डीजीपी (कानून व्यवस्था) वी मुरुगेसन ने कहा कि ‘सभी 13 जिला पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है। कानून हाथ में लेने की इजाज़त किसी को नहीं मिलेगी’।
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