Chhattisgarh: महासमुंद में बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग, ये है खास वजह

electric scooter
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज तेजी से बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। इसकी एक वजह ये भी है कि चार्जिंग का खर्चा पेट्रोल और डीजल की मुकाबले बहुत ही सस्ता है। बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन के रखरखाव पर बहुत ही कम खर्चा होने की वजह से राज्य शासन इसे लगातार बढ़ावा दे रहा है। इसके साथ राज्य और केंन्द्र सरकार की सब्सिडी भी लोगों को खासी रास आ रही है इसी लिए महासमुंद जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों की जमकर बिक्री देखने को मिल रही है। जबकि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स के साथ पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में भी काफी कम है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्ट्री मूल्य पर 5 से 10 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है। वर्तमान समय की बात करे तो परिवहन आधुनिक जीवन की एक मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। लेकिन पारंपरिक वाहन न सिर्फ तेजी से पुराने हो रहे हैं बल्कि इनकी वजह से पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनो से प्रदूषण फैल रा हैं। यही कारण है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है।
महासमुंद जिले में बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग
महासमुंद जिला परिवहन अधिकारी रामकुमार ध्रुव से मिली जानकारी के मुताबिक महासमुंद जिले में बीते 28 फरवरी तक कुल 439 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है,जिसमें 271 मोटरसाइकिल, 153 मोपेट, 1 थ्री व्हीलर सवारी वाहन, 10 ई-रिक्शा और 4 हल्के वाहन शामिल हैं। साथ ही कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन में पेट्रोल या डीजल का उपयोग करने के बजाय बैटरी चार्ज करने के लिए बिजली का इस्तेमाल किया जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो भी अच्छा है।
इस वजह से लोगों की पसंद बने इलेक्ट्रिक वाहनों इलेक्ट्रिक वाहनों की सर्विसिंग पारंपरिक पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों की मुकाबले में कम है, इसलिए इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की सालाना लागत कम है। इन वाहनों की खास ये ही कि इलेक्ट्रिक वाहनों में गियर नही होते है। ड्राइव करना भी आसान हो जाता है। चार्ज करने के लिए घर या सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों से वाहनों को चार्ज किया जा सकता है
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