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Chhattisgarh: स्कूल में पीने के पानी के लिए तरसे बच्चे और शिक्षक, क्या है वजह?

Chhattisgarh: गर्मी शुरू होने से पहले सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधा यानि पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है। गांव अचिंतपुर पी व्ही 94 के मिडिल व प्राइमरी स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने से बच्चे अपने घरों से बोतलों में पानी लाने को मजबूर हैं। स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी घर से पानी लाना पड़ रहा है, जबकि स्कूल परिसर में नल है। इसके बावजूद स्कूल के बच्चे व शिक्षक पानी संकट से जूझ रहे हैं।

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत छोटे बेठिया के गाँव अचिंतपुर के मिडिल स्कूल में 42 बच्चे व प्राइमरी स्कूल में कुल 61 बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल परिसर में एक हैंडपंप हैं। जो कि बीते कई अरसे से खराब हैं, जिससे स्कूल में पेयजल संकट शुरू हो गया है। फिर भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि खराब हैंडपंप को सुधरवाने में ध्यान नहीं दे रहे हैं। छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पेयजल का संकट बहुत ज्यादा है। यहां स्वच्छ जल की कमी है। घर से बोतल में पानी भरकर लाना पड़ रहा है।

बोतल का पानी खत्म होने के बाद पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। स्कूल में जितने बच्चें हैं। सभी बोतल में पानी लाते हैं। हैंडपंप खराब होने से मध्याह्न भोजन के दौरान पानी के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। स्कूल परिसर के आसपास हैंडपंप भी नहीं है। भोजन करने के बाद थाली धोने के लिए तीन सौ मीटर दूर पैदल चलकर जाते हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल परिसर पर हैंडपंप होने के बावजूद पानी की समस्या से जूझना गंभीर बात है। समस्या के बारे में जनप्रतिनिधियों को मालूम है। हैंडपंप खराब होने से बच्चों को घर से पीने का पानी लाना पड़ता है।

रिपोर्टर – प्रसेनजीत साहा

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