Chhath Puja 2022: आज छठ पूजा का तीसरा दिन, जानें सूर्यास्त का समय और जल चढ़ाने की विधि

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Chhath Puja 2022: अर्घ्य के दिन शाम के समय में व्रती तालाब, नदी आदि पानी के स्रोत में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। प्रत्यक्ष भगवान सूर्य देव से परिवार में सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं।

Chhath Puja 2022
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Chhath Puja 2022 Day 3: आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का खास महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है, लेकिन इससे दो दिन पहले यानी चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है।

इस दिन शाम के समय में व्रती तालाब, नदी आदि पानी के स्रोत में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। प्रत्यक्ष भगवान सूर्य देव से परिवार में सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं। इस दिन शाम को जब सूर्यास्त होने वाला होता है, तब संध्या अर्घ्य देते हैं।

इस तरह देते हैं भागवान भास्कर को अर्घ्य (Chhath Puja 2022)

अर्घ्य देने के लिए शाम के समय सूप और बांस की टोकरियों में ठेकुआ, चावल के लड्डू और फल ले जाया जाता है। पूजा के सूप को व्रती बेहतर से बेहतर तरीके से सजाते हैं. कलश में जल एवं दूध भरकर इसी से सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही सूप की सामग्री के साथ भक्त छठी मईया की भी पूजा अर्चना करते हैं।

छठ व्रती पूरे परिवार के साथ छठ घाट पर दउरा में प्रसाद लेकर पहुंचते हैं और डूबते सूर्य की उपासना के लिए जल एवं दूध लेकर तालाब, नदी या पोखर में खड़े हो जाते हैं। अस्ताचलगामी सूर्य पूजन के बाद सभी लोग घर लौट आते हैं। वहीं, रात में छठी माई के भजन गाये जाते हैं और व्रत कथा का श्रवण किया जाता है। साथ ही चौथे दिन सुबह में उगते सुर्य को अर्घ्य देने की तैयारी भी की जाती है।

संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त

इस बार 30 अक्टूबर 2022 यानी आज के दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आज के दिन सूर्यास्त की शुरुआत 05 बजकर 34 मिनट पर होगी। इस समय व्रती महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य दे सकती हैं।