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पीएम मोदी ने दिल्ली में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति समग्र कार्ययोजना की शुरूआत की

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अपने जन्मदिन पर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया सबसे पहले तो उन्होनें नाबीमिया से आए 8चीतों को भारत के हवाले सौंपा जिसमें से 3चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा  गया। इसके बाद पीएम मोदी ने श्योपुर में महिला स्वंय सहायता में अपना संबोधन किया इसके बाद पीएम मोदी ने दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति (NLP) के तहत एक समग्र कार्ययोजना की शुरूआत की यह कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया।

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कार्यक्रम की अधिक जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय यानि कि (PMO) ने बताया कि ये लॉजिस्टिक राष्ट्रीय नीति (National Logistics Policy) की आवश्यकता महसूस इसलिए की गई है, क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक (रसद) लागत अधिक है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग में हुआ सुधार(PMO)

पीएमओ ने अपने बयान में कहा कि घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक की लागत को कम करना अनिवार्य है। कम लॉजिस्टिक लागत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में कटौती में सुधार करती है, मूल्य संवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहित भी करती है। साथ ही पीएमओ ने कहा कि सरकार ने 2014 से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग दोनों में सुधार पर काफी जोर दिया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह नीति भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार, आर्थिक विकास को बढ़ाने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का एक प्रयास है।

भारत में लॉजिस्टिक कारोबार का आकार 160 अरब डॉलर

बता दें कि देशभर में 10 हजार से अधिक उत्पादों के लॉजिस्टिक कारोबार (Logistics Business) का आकार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि इस क्षेत्र की हालत बेहतर होने से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक लागत में 10 प्रतिशत की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। मंत्रालय के अनुसार लॉजिस्टिक क्षेत्र काफी जटिल है। इसमें 20 से अधिक सरकारी एजेंसियां, 40 भागीदार सरकारी एजेंसियां और 37 निर्यात प्रोत्साहन परिषदें भी शामिल हैं।

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