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चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग होने की उम्मीद, अगर कंडीशन ठीक नहीं रही तो 27 को उतरेगा लैंडर

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23 अगस्त को शाम 6:04 बजे, चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर की 25 किमी की ऊंचाई से लैंडिंग की कोशिश की जाएगी, जिसे ’15 मिनिट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 15 मिनिट्स’ कहा जाता है। इस मिशन के सफल होने पर भारत पहला देश बनेगा जो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने में सफल होगा। पहले उतारने की संभावना रविवार को है, और यदि फैक्टर्स सही नहीं हैं तो लैंडिंग 27 अगस्त को हो सकती है। लैंडर को उतारने के समय पर निर्णय, चंद्रमा पर स्थिति के आधार पर लिया जाएगा।

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रविवार रात को, चंद्रयान के दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था, जिससे लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किमी और अधिकतम दूरी 134 किमी रह गई है। डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की गति को धीमा किया गया है ताकि उसकी लैंडिंग की तैयारी की जा सके।

भारत का चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6:04 बजे चांद पर उतरेगा। रूस ने 47 साल बाद एक बार फिर चांद की तरफ उड़ान भरी, लेकिन उसका स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया। अमेरिका और चीन ने भी चांद पर अंतरिक्षयान उतारने के लिए एडवांस मिशन शुरू किए हैं। इस रेस में SpaceX जैसी कुछ प्राइवेट कंपनियां भी हैं।

बता दें इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने सोमवार को बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच संपर्क स्थापित कर दिया है। टू-वे कम्युनिकेशन के स्थापित होने के बाद ऑर्बिटर ने लैंडर से कहा- ‘स्वागत है दोस्त!’

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