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Army Day 2022: जानिए क्यों मनाया जाता है आर्मी डे?

आर्मी डे
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Indian Army Day: देश में 15 जनवरी के दिन आर्मी डे मनाया जाता है। भारतीय थल सेना के लिए आज बहुत खास दिन है। इस दिन भारत के वीर जवानों की याद में कई तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।

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क्यों मनाया जाता है आर्मी डे?

बता दें कि भारतीय सेना का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। भारत में आजादी के दौरान शरणार्थियों के आवागमन की वजह से चारों ओर उथल-पथल का माहौल बना हुआ था। जिसके कारण प्राशसनिक समास्याएं पैदा हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे करना पड़ा। जिसके बाद विशेष सेना कमांड का गठन किया गया।

देश स्वतंत्र होने के बाद भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही था। स्वतंत्र के 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 में आजाद भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर ने भारतीय सेना की कमान भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा को सौंपी। ये आजाद भारत के पहले सैन्य कमांडर बने। जिसके बाद इस दिन को ‘आर्मी डे’ के रुप में मनाया जाता है।

‘आर्मी डे’ मनाने का मकसद जवानों के अन्दर उत्साह बढ़ाना और जिन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण त्याग दिए, उन वीर जवानों को सलाम करना है। प्रत्येक वर्ष सेना दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में परेड निकाली जाती है, जिसकी सलामी थल सेनाध्यक्ष लेते हैं।

कहां के रहने वाले थे करिअप्पा?

मेजर करिअप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग जिले में हुआ था। उन्होंने महज 20 वर्ष की उम्र में ही ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी करनी शुरू की दी थी। बाद में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर के सम्मान से भी नवाजा गया था। करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था।

बता दें कि आजादी के समय भारत और पाकिस्तान की सेनाओं की बांटने की जिम्मेदारी भी मेजर करिअप्पा को ही मिली थी। 1953 में करिअप्पा रिटायर हो गए। करियप्पा को साल 1986 में फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया गया था।

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