Happy New Year क्यों मनाया जाता है? भारत में New Year कब मनाया जाता है

कुछ दिनों बाद साल 2021 विदा होने वाला है। लोग कुछ ही दिनों में 2022 का धूमधाम से स्वागत करेंगे। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण पिछले 2 सालों से नए साल का सेलिब्रेशन कुछ फीका रहा है। सरकारों द्वारा कोविड की रोकथाम के लिए कई आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। हालांकि फिर भी सादे तरीके से ही सही लोग (Happy New Year 2022) साल 2022 का स्वागत जरूर करेंगे। आज हम जानेंगे कि 1 जनवरी को ही Happy New Year क्यों मनाया जाता है? 1 जनवरी को नया साल मनाने के पीछे का कारण क्या है?
Happy New Year मनाने का इतिहास
दुनिया के ज्यादातर देशों में नया साल (Happy New Year) पारंपरिक ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) के मुताबिक मनाई जाती है। 1 जनवरी को Happy New Year मनाने की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 को हुई थी। इस कैलेंडर की शुरुआत ईसाईयों द्वारा की गई थी। इससे पहले पूरी दुनिया रूस का जूलियन कैलेंडर (Julian Calendar) को फॉलो करती थी। इस कैलेंडर में केवल 10 महीने ही थे। इस कैलेंडर में नये साल की शुरुआत क्रिसमस के दिन ही होती थी।
इसके बाद अमेरिका के नेपल्स के फिजिशियन एलॉयसिस लिलिअस ने नया कैलेंडर दुनिया के सामने पेश दिया। यह ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) था जिसमें 1 जनवरी को साल का पहला दिन माना गया था। इसके बाद से ही दुनिया के ज्यादातर देशों में नया साल 1 जनवरी को मनाया जाने लगा।
भारत में नया साल कब मनाया जाता है?
भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। यहां पर नए साल की शुरुआत प्रांत और धर्मों के हिसाब से अलग-अलग तरीके से होता है। पंजाब में 13 अप्रैल को बैसाखी के रूप में नया साल मनाया जाता है। सिख धर्म को मानने वाले नानकशाही कैलेंडर (Nankshahi Calendar) के अनुसार नया साल मनाते हैं। इसमें होली के दूसरे दिन नया साल मनाया जाता है। जैन धर्म के लोग नया साल दीवाली के दूसरे दिन मनाने हैं। हिंदू धर्म के लोग विक्रम संवत के अनुसार चैत महीने (होली के बाद का दिन) के पहले दिन को नया साल मनाते हैं।