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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ऐसा क्या कहा, जिसे सुनकर भड़क उठा रूस

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रुस और यूक्रेन युध्द रुकने का नाम ही नही ले रहा और रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग में अब परमाणु हमले का खतरा मंडराता जा रहा है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की चेतावनी के बाद खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी रूस के द्वारा परमाणु हमले की आशंका जताई है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ऐसा बयान दिया है, जिस पर रूस भड़क उठा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूस द्वारा परमाणु हमला हो, उससे पहले नाटो को प्रीएंप्टिव स्ट्राइक (संभावित खतरे से पहले दुश्मन पर हमला करना) कर देनी चाहिए। हालांकि, इस बयान के बाद बवाल बढ़ गया है।

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रूस ने यूक्रेनी राष्ट्रपति के इस बयान पर भड़क उठा है, रूस ने कहा कि जेलेंस्की ने खुद तीसरे विश्वयुद्ध को न्योता दिया है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर जेलेंस्की के बयान की निंदा होने के बाद उनके एडवाइजर को बीच बचाव में उतरना पड़ा है और जेलेंस्की के बयान का मतलब क्या है, यह समझाना पड़ रहा है।

रुस परमाणु हथियारों का प्रयोग करने में संकोच नही करेगा

यह बताना जरूरी है कि यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि वह मास्को के कब्जे वाले क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल करने के यूक्रेन के प्रयास को विफल करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग करने में संकोच नहीं करेंगे। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या रूस द्वारा परमाणु हथियारों का उपयोग करने का जोखिम बढ़ गया है, जेलेंस्की ने कहा कि यह कहना मुश्किल है।

वहीं, जेलेंस्की के बयान के बीच बेलारूस की राज्य सुरक्षा समिति के प्रमुख और राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि बेलारूस में सत्ता पर कब्जा करने के लिए पोलैंड, लिथुआनिया और यूक्रेन में सशस्त्र संरचनाएं (आर्म्ड फॉरमेशन) तैयार की जा रही हैं। बेलारूस पोलैंड से ‘सामरिक परमाणु हथियारों’ के साथ हमले वाले जोखिम का सामना कर रहा है। लुकाशेंको इस हमले के जोखिम को कम करने के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहे हैं, माना जा रहा है कि रूस बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती कर सकता है।

नाटो का सदस्य बनने को बेताम है यूक्रेन

बता दें कि यूक्रेन अभी नाटो का सदस्य नहीं है, मगर उसे बाहर से ही समर्थन जरूर प्राप्त है। बीते दिनों यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने देश को तत्काल नाटो की सदस्यता देने का अनुरोध किया था। नाटो की सदस्यता के लिए सभी 30 देशों की मंजूरी मिलनी आवश्यक है और यूक्रेन को जल्द ही संगठन की सदस्यता मिलने की संभावना नहीं है। हालांकि, नाटो के नौ सदस्य देशों ने यूक्रेन को बढ़-चढ़कर सैन्य मदद देने की अपील की है।

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