पंजाब कांग्रेस के बयानबहादुरों की सियासी जंग चालू, AG देओल का इस्तीफा स्वीकार करने के मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर मचा घमासान

चण्डीगढ़: पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस के अंदर सियासी बयानबाजी जारी है। AG देओल का इस्तीफा स्वीकार करने के मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर घमासान मचा हुआ है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एडवोकेट जनरल एपीएस देवोल को हटाने की मांग कर रहे थे। पहले मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने आनाकानी की। लेकिन फिर उन्होंने एपीएस देवोल को हटाने का फैसला ले लिया।
Punjab कांग्रेस के बयानबहादुरों की सियासी जंग चालू
इस फैसले के बाद अब कांग्रेस के अंदर ही सवाल उठने लगे कि आखिर ये दबाव में फैसला क्यों लिया गया है। कांग्रेस के अमदर ही सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है ??
AG देओल का इस्तीफा स्वीकार करने के मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर मचा घमासान
इसी के साथ पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सीधे-सीधे सवाल उठाया कि पंजाब में किसकी सरकार चल रही है… सोशल मीडिया पर उन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि “कथित कंप्रोमाइज्ड अफसर को हटाने के बाद असली कंप्रोमाइज्ड सीएम का चेहरा बेनकाब हो गया।“
सुनील जाखड़ तो महज एक तीखा ट्वीट करके ही शांति से बैठ गए। लेकिन पंजाब के दिग्गज कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने तो लगातार तीन ट्वीट कर सरकार पर हमले को और धारदार बना दिया।
सांसद तिवारी ने कहा कि “ अब पंजाब सरकार ने नए एडवोकेट जनरल को नियुक्त करने का फैसला ले लिया है। इसलिए इस बार कौंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को ध्यान में रखकर ही नियुक्ति की जाए। एक वकील कोर्ट, ट्रिब्यूनल और अथॉरिटी के सामने कोई भी केस ले सकता है। वकील कुछ खास हालात में केस लेने से इनकार भी कर सकता है। “
मनीष तिवारी ने सलाह दी कि “ जो लोग AG का विरोध कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वकील किसी क्लाइंट से बंधा नहीं होता। “ उन्होंने इसके लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से वकील के संबंध में जारी नियमों की कॉपी भी पोस्ट की है।
बता दें कि पंजाब में एडवोकेट जनरल के पद को लेकर हमेशा ही तनातनी देखने को मिलता रहा है। जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे तो तब के सहकारिता मंत्री और मौजूदा डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने अतुल नंदा को लेकर हंगामा मचाया था। हालांकि कैप्टन के मुख्यमंत्री पद से हटते ही अतुल नंदा ने खुद ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चरणजीत चन्नी जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एपीएस देयोल को नया एडवोकेट जेनरल बना दिया। लेकिन इसके तुरंत बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने नए AG एपीएस देयोल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिन्हें मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग के बाद हटा दिया गया।