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RSS प्रमुख मोहन भागवत बक्सर के ‘सिय-पिय मिलन’ महोत्सव में हुए शामिल, बोली ये बड़ी बातें

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत अपने चार दिन के दौरे पर बिहार में मौजूद है। वहीं कल यानी शनिवार के दिन वो बिहार के बक्सर में माैजूद रहे। इसी के साथ वो वहां पर कई कार्यक्रमों में हिस्सा भी लिया। बता दें बक्सर में नया बाजार में आयोजित ‘सिय-पिय मिलन’ महामहोत्सव में शामिल हुए। वहीं इस कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने दावा किया कि मुगल शहजादा दारा शिकोह को अपने पिता सम्राट शाहजहां के दरबार में शास्त्रार्थ के दौरान काशी के विद्वानों से ‘पराजय’ का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद उसकी हिंदू ग्रंथों में दिलचस्पी जागी। सरसंघचालक एक धार्मिक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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इस दौरान उन्होंने कहा कि शाहजहां ने बाद में ‘जजिया’ कर वापस ले लिया था। हालांकि, बादशाह के छोटे बेटे औरंगजेब के सिंहासन पर बैठने पर हिंदुओं पर जजिया कर फिर से लगाया गया। लेकिन उनके छोटे बेटे औरंगजेब के भाई की हत्या करके सिंहासन ग्रहण करने के बाद जजिया कर फिर से लगाया गया था।

‘सिय-पिय मिलन’ महोत्सव में हुए शामिल

वहीं मोहन भागवत ने बताया कि काशी के विद्वानों ने तब सम्राट से कहा कि एक शास्त्रार्थ कराएं जिसमें वो उनकी पसंद के विद्वानों के साथ बहस करेंगे। भागवत ने दावा कि शास्त्रार्थ छह महीने तक चला, जिसके बाद शाहजहां ने हार मान ली। जिसके बाद उन्होंने कहा कि यह ज्ञात होना चाहिए कि शास्त्रार्थ ने दारा शिकोह को बहुत प्रभावित किया था, यही कारण है कि उन्होंने उपनिषदों, गीता और रामायण में रुचि ली और फारसी में इनका अनुवाद किया।

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