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देश इस समय अपनी आज़ादी के मना रहा है 75 साल का अमृत महोत्सव: PM मोदी  

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PM मोदी (PM Modi) बोले तीर्थदानम् (Tirthdanam) और ब्रह्म विद्यालयम् की स्वर्णिम यात्रा में इस आयोजन में लाखों करोड़ों अनुयायियों की अनंत आस्था और अथक परिश्रम शामिल है, मैं सभी अनुयायियों और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं।

PM Modi
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दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने दिल्ली (Delhi) के 7 लोक कल्याण मार्ग पर शिवगिरि तीर्थ यात्रा (Shivgiri Tirth Yatra) की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम ने ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिवगिरि तीर्थ यात्रा की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उन्होंने साल भर चलने वाले संयुक्त समारोहों का लोगो भी लॉन्च किया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त समारोहों का Logo किया लॉन्च

PM मोदी (PM Modi) बोले तीर्थदानम् (Tirthdanam) और ब्रह्म विद्यालयम् की स्वर्णिम यात्रा में इस आयोजन में लाखों करोड़ों अनुयायियों की अनंत आस्था और अथक परिश्रम शामिल है, मैं सभी अनुयायियों और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं। वाराणसी में शिव की नगरी हो या वरकला में शिवगिरी, भारत की ऊर्जा का हर केंद्र हम सभी भारतीयों के जीवन में विशेष स्थान रखता है। ये स्थान केवल तीर्थ भर नहीं हैं, ये आस्था के केंद्र भर नहीं हैं, ये ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के जाग्रत प्रतिष्ठान हैं।

हम सभी की एक ही जाति है- भारतीयता: PM Modi

आगे उन्होनें कहा तीर्थदानम् (Tirthdanam) की 90 सालों की यात्रा और ब्रह्म विद्यालयम् की गोल्डेन जुबली ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है। ये भारत के उस विचार की भी अमर यात्रा है, जो अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग माध्यमों के जरिए आगे बढ़ता रहता है। श्री नारायण गुरु ने आधुनिकता की बात की! लेकिन साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को समृद्ध भी किया। उन्होंने उन्होंने शिक्षा और विज्ञान की बात की! लेकिन साथ ही धर्म और आस्था की हमारी हजारों साल पुरानी परंपरा का गौरव बढ़ाने में कभी पीछे नहीं रहे।

नारायण गुरू जी ने भी इसी मर्यादा का हमेशा किया पालन

संबोधन के दौरान पीएम ने कहा ये गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने की लड़ाई तो थी ही लेकिन इसके साथ ही एक आज़ाद देश के रूप में हम होंगे, कैसे होंगे, इसका विचार भी था क्योंकि हम किस चीज के खिलाफ हैं, केवल यही महत्वपूर्ण नहीं होता। हम किस सोच के, किस विचार के लिए एक साथ हैं, ये भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। देश इस समय अपनी आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे समय में हमें ये भी याद रखना चाहिए कि हमारा स्वतन्त्रता संग्राम केवल विरोध प्रदर्शन और राजनैतिक रणनीतियों तक ही सीमित नहीं था।

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