लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से बड़ी कार्रवाई की गई है। पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय पांडेय को निलंबित (Vinay Pandey Suspended) कर दिया गया है। विनय पांडेय बलिया में पेपर लीक, पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने, सरकारी कामों के प्रति लापरवाही बरतने और शासन स्तर के निर्देशों का पालन न करने के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय पांडेय को किया सस्पेंड
माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय पांडेय (Vinay Pandey Suspended) इस समय साक्षरता, उर्दू एवं प्रच्य भाषा विभाग के निदेशक थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इस बारें में जानकारी दी है। माना जा रहा है कि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉरलेंस की नीति को लेकर आगे चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।
2018 में विनय को निदेशक के पद का मिला था कार्यभार
बता दें कि विनय पांडेय को 21 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा विभाग से हटाया गया था। बलिया के पेपर लीक कांड की वजह से सीएम योगी Vinay Pandey से नाराज चल रहे थे। जानकारी के अनुसार विभागीय मंत्री गुलाब देवी भी विनय कुमार पांडे की कार्यशैली से खुश नहीं थीं। 2018 में विनय को निदेशक के पद का कार्यभार मिला था। साल 2021 में उन्हें प्रोन्नत कर निदेशक की जिम्मेदारी मिली। पिछले 5 सालों से यूपी बोर्ड को नकलविहीन छवि बनाने में राज्य सरकार सफल रही थी लेकिन इस साल पेपर लीक कांड हो गया।
साल 2016 में हाईकोर्ट ने दिया था सस्पेंड करने का आदेश
पेपर लीक कांड को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया था। यही वजह है कि सीएम ने Vinay Pandey को निलबिंत कर दिया। साल 2016 में जब सपा सरकार थी तब हाईकोर्ट ने विनय पांडे को सस्पेंड करने का आदेश दिया था बावजूद इसके सपा ने आदेश का पालन नहीं किया था। बाद में वर्ष 2018 में भाजपा सरकार बनने के बाद उनकी बर्खास्तगी के फैसले पर अमल किया गया और उन्हें निलबिंत कर दिया। उसके बाद विनय कुमार पांडे ने हाईकोर्ट से स्टे लिया और विभाग ने उन्हें दोबारा बहाल करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक का कार्यभार सौंप दिया था। उसके बाद आज सीएम ने पेपर लीक कांड मामले में विनय पांडे के ऊपर कार्रवाई की है।