PM Modi In Japan: पीएम मोदी बोले- भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका
सोमवार को पीएम मोदी ने (PM Modi In Japan) जापानी कपड़ों के ब्रांड यूनीक्लो के सीईओ से मुलाकात कर भारत में कपड़ा निर्माण क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि भारत के कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनीक्लो की पितृ कंपनी फास्ट रिटेलिंग के सीईओ तदाशी यानाई से मुलाकात की।
भारत और जापान natural partners
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने (PM Modi In Japan) टोक्यो में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क इवेंट में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में जापान के शीर्ष कारोबारी नेताओं के साथ एक गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक समावेशी लचीला ‘इंडो पैसिफिक इकोनॉमिक मॉडल’ के निर्माण के लिए आप सभी के साथ काम करेगा। हमारे बीच भरोसा, पारदर्शिता, समयबद्धता होनी चाहिए। यह इंडो पैसिफिक क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका
PM टोक्यो में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बोले (PM Modi In Japan) जापान के लोगों की देशभक्ति, जापान के लोगों का आत्मविश्वास, यहां का अनुशासन, स्वच्छता के लिए जापान के लोगों की जागरूकता, स्वामी विवेकानंद ने इसकी खुलकर प्रशंसा की थी। स्वामी विवेकानंद जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे, तो उससे पहले वो जापान भी आए थे। जापान ने उनके मन-मस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा था। जापान से हमारा रिश्ता सामर्थ्य का है, सम्मान का है, विश्व के लिए साझे संकल्प का है। जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, बौद्ध का है, ज्ञान का है, ध्यान का है।
कोरोना से दुनिया के सामने 100 साल का सबसे बड़ा संकट पैदा हुआ
आगे उन्होनें कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है। यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो, जलवायु परिवर्तन हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है। भारत ने कोविड के दौरान अनिश्चितता का माहौल था। उस समय भी भारत ने दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं। जब वैक्सीन उपलब्ध हुईं तब भारत ने ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं।