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National Civil Services Day 2022: पीएम मोदी बोले- बीते 8 साल के दौरान देश में हुए अनेक बड़े काम

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National Civil Services Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप जैसे साथियों से इस प्रकार से संवाद मैं लगभग 20-22 साल से कर रहा हूं। पहले मुख्यमंत्री के रूप में करता था और अब प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा हूं।

National Civil Services Day
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दिल्ली: सिविल सेवा दिवस (National Civil Services Day) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री ने पुरस्कार प्रदान किए। इस दौरान PM ने अपने संबोधन में कहा आप सभी को सिविल सेवा दिवस की बधाई। आज जिन साथियों को पुरस्कार मिले हैं उनको और उनकी पूरी टीम को मेरे तरफ से बहुत बधाई। जिन्हें आज पुरस्कार मिला है वो हर हफ्ते वर्चुअली ट्रेनी को अपनी कल्पना और कौन-सी कठिनाई आई उसकी प्रेजेंटेशन दें। इससे नई पीढ़ी को लाभ मिलेगा।

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लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए PM ने किए पुरस्कार प्रदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप जैसे साथियों से इस प्रकार से संवाद मैं लगभग 20-22 साल से कर रहा हूं। पहले मुख्यमंत्री के रूप में करता था और अब प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा हूं। उसके कारण एक प्रकार से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं। आज़ादी के अमृत काल 75 साल की इस यात्रा में भारत को आगे बढ़ाने में सरदार पटेल का सिविल सर्विस (National Civil Services Day) का जो तोहफा है। इसके जो ध्वजवाहक लोग रहे हैं,उन्होंने इस देश की प्रगति में कुछ न कुछ योगदान दिया ही है। उन सभी को स्मरण करना अमृत काल में सिविल सर्विस को ऑनर करने वाला विषय बन जायेगा।

इस दौरान उन्होनें कहा कि हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते हैं इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों और परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30-40 साल लग जाते थे तब ऐसा चलता होगा। लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल-पल के हिसाब से चलना पड़ेगा। तीसरा- व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले 5 साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म किए

पीएम बोले हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए। पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए और उसे इसका एहसास भी हो, दूसरा- आज हम भारत में कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है। देश में सैंकड़ों कानून ऐसे थे, जो देश के नागरिकों के लिए बोझ बन गए थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले 5 साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म किए। ये जो behavioural change की मेरी जो कोशिश रही है। ये समाज की मूलभूत चीजों में परिवर्तन लाने का जो प्रयास हुआ है, सामान्य मानवी की जिंदगी में बदलाव लाने की मेरी जो आशा आकांक्षा है उसी का हिस्सा है।

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