
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के हालिया विस्तार के दौरान कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर बीजेपी नेता पंकजा मुंडे का दर्द छलक उठा है। उन्हें कैबिनेट में स्थान नहीं मिलने पर गुरुवार को कहा कि शायद उनमें इसके लिए ‘‘पर्याप्त योग्यता” नहीं है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में विस्तार के तहत पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले शिवसेना धड़े के नौ मंत्रियों और उनके बीजेपी सहयोगियों के नौ नेताओं ने शपथ ग्रहण की थी।
बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने आगे कहा, ‘‘उनके अनुसार जो योग्य होगा, उसे मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इस पर मेरा कोई रुख नहीं है। मैं अपने सम्मान को बनाए रखते हुए राजनीति करने की कोशिश करती हूं।
पंकजा मुंडे का बयान आने के बाद उनके समर्थकों की नाराजगी और बढ़ गई है,और महाराष्ट्र की सियासत फिर गरमा सकती है। वहीं सरकार के विस्तार को लेकर पंकजा मुंडे दो दिनों तक खामोश रहीं, लेकिन रक्षाबंधन के मौके पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी।
कैबिनेट में किसी महिला को शामिल नहीं किया
बता दें महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनने के 40 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हो गया। लेकिन हैरानी तो तब हुई जब मंत्रिमंडल में किसी महिला को शामिल नहीं किया गया इसके बाद महाराष्ट्र सरकार काफी आलोचना हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए उसमें 18 मंत्रियों को जगह दी। इनमें शिवसेना के बागी समूह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ-नौ मंत्री शामिल है। कैबिनेट विस्तार के साथ ही महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।।
शिंदे कैबिनेट में 75 फीसदी दागी मंत्री
सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के 18 सदस्यीय ‘मिनी-कैबिनेट’ विस्तार ने कई तथ्य सामने रखे हैं, जिनमें कुल 20 ‘करोड़पति’ मंत्रियों में से 75 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अध्ययन के अनुसार, कुल 15 मंत्रियों ने आपराधिक मामलों की घोषणा की है।