Advertisement

Ladakh: देश के पहले जियोथर्मल प्लांट का काम शुरु, 10 पड़ोसी गांवो  को मिलेगी मुफ्त बिजली

ladakh news
Share
Advertisement

देश के पहले जियोथर्मल प्लांट पर काम शुरू हो चुका है। समुद्र तल से 4400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, पुगा जियोथर्मल साइट लेह से 190 किमी की दूरी पर स्थित है और 5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। जियोथर्मल बिजली चौबीसों घंटे लगातार चलती है और ये कभी खत्म नहीं होती। भारत में कई गर्म पानी के झरने हैं, जिनमें तापमान इतना है कि उनमें बिजली पैदा करने की क्षमता है। ऐसे सभी जगहों में से लेह लद्दाख के पास पुगा सबसे बड़ा और सबसे प्रोमिसिंग जियोथर्मल साइट है।

Advertisement

क्या है जियोथर्मल एनर्जी

भूतापीय ऊर्जा यानी जियोथर्मल एनर्जी एक थर्मल एनर्जी का ही रूप है और यह एनर्जी का अक्षय श्रोत है। इसकी एनर्जी डेंसिटी भी ज्यादा है | यह एक अक्षय श्रोत है क्यूंकी जमीन के अन्दर से लगातार उर्जा बाहर निकलती रहती है ताकि पृथ्वी के अन्दर का तापमान कम रह सके |

जिस तरह  wind energy और solar energy लगातार मिलती रहती है उसी तरह से जियोथर्मल एनर्जी भी लगातार मिलती रहती है | Geothermal energy गर्मी के रूप में मिलती है जिसका इस्तेमाल करके पावर को उत्पन्न करने के लिए और दूसरो चीजो के लिए किया जा सकता है |

आसपास के 10 गांवों को मिलेगी मुफ्त बिजली

स्पेशल इक्विपमेंट्स के साथ लेवर वर्तमान में हीट सोर्स को टैप करने के लिए गहरी ड्रिलिंग की जा रही हैं। शुरुआती परिणाम उत्साहजनक रहे हैं, क्योंकि इंजीनियरों को केवल 35 मीटर की गहराई पर 100 डिग्री सेल्सियस तापमान मिला है। इस तापमान पर पानी उबलता है। ड्रिलिंग 500 मीटर गहराई तक की जाएगी और बाद में परिणामों के अनुसार साइट की पूरी क्षमता का पता लगाने और टैप करने के लिए ड्रिलिंग 1 किमी की गहराई तक पहुंच जाएगी।

यह भी पढ़े – Rakesh Jhunjhunwala: नहीं रहे दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला, 62 साल की उम्र में हुआ निधन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *