
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन का पक्ष लेते हुए रूस के खिलाफ खिलाफ वोट किया है। यूक्रेन में पिछले 6 महीनों से भी ज्यादा समय से युद्ध जारी है। युद्ध के बाद से ही संयुक्त राष्ट्र में कई बार रूस के खिलाफ मतदान हुआ है। हालांकि ये पहली बार है जब भारत ने रूस के खिलाफ मतदान में भाग लिया है।अभी तक नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के मामले से बचता रहा है, जिससे अमेरिका समेत पश्चिम देश नाखुश रहे हैं।
दरअसल 15 सदस्यों वाले UNSC में इस बात पर मतदान होना था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए भाषण देने की इजाजत दी जाए या नहीं। जिसको लेकर मतदान कराया गया तो फैसला 13-1 से यूक्रेन के पक्ष में आया। जिसमें भारत ने पहली बार रूस के खिलाफ मतदान किया है।
रूस की सेना ने फरवरी में यूक्रेन (Russia-Ukraine War) पर हमला कर दिया था। यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देखों ने रूस पर कड़े आर्थिक और कई दूसरे प्रतिबंध लगाए है। नई दिल्ली ने रूस और यूक्रेन से कूटनीति एवं वार्ता के मार्ग पर लौटने की कई बार अपील की है और दोनों देशों के बीच संघर्ष समाप्त करने का प्रयत्न किया। भारत लगातार युद्ध को गलत बताते हुए बातचीत के जरिए विवाद का हल निकालने के लिए कह रहा है। बता दें भारत दो साल के लिए यूएनएससी (UNSC) का अस्थायी सदस्य है। उसका कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होगा।
सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन की स्वतंत्रता की 31वीं वर्षगांठ पर छह महीने से जारी युद्ध की समीक्षा के लिए बुधवार को एक बैठक की। जैसे ही बैठर शुरू हुई, उसमें जेलेंस्की की भागीदारी के संबंध में एक संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली ए नेबेंजिया ने वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में जेलेंस्की की भागीदारी के संबंध में एक प्रक्रियात्मक वोट कराने का अनुरोध किया। इसके बाद यूक्रेन पक्ष में 13 सदस्यों ने वोट किया, जबकि रूस ने इस निमंत्रण के खिलाफ मत दिया और चीन ने वोट नहीं किया।