Advertisement

जरूरत पड़ी तो अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का कर सकता हूं रुख: अधीर रंजन चौधरी

Share
Advertisement

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता  शनिवार को कहा कि जरूरत हुई तो वह लोकसभा से अपने निलंबन के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं और इस संदर्भ में विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने उपमा के रूप में कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या किसी भी व्यक्ति का अपमान करना उनका मकसद नहीं था।

Advertisement

लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि उन्हें पहले ‘फांसी पर चढ़ा दिया गया’ और फिर कहा जा रहा है कि मुकदमा चलाएंगे। संसद के निचले सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण को लेकर बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया था तथा उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।

चौधरी ने एक सवाल के जवाब में शनिवार को कहा, ‘‘जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय जा सकते हैं…विचार विमर्श कर रहे हैं।’’ उनका यह भी कहना था, ‘‘मुझे जब भी संसद की विशेषाधिकार समिति के पास बुलाया जाएगा, तो मैं जरूर जाऊंगा। हम लोग सभी नियमों और परंपराओं को मानकर चलते हैं।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘पहले फांसी दे दी गई और फिर मुकदमे का सामना करना है। अजीबोगरीब स्थिति है।’’

उनके मुताबिक, उन्होंने उपमा के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जिनका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने सदन में जो बात कही उसमें मुझे गलती नहीं लगती। हो सकता है कि यह सरकार आगे भगवा शब्दकोश बना दे और तय करे कि विपक्ष के लोग कौन-कौन से शब्द का इस्तेमाल करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि ‘नीरव’ का मतलब क्या होता है।

मैंने किसी को आहत करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। क्या अपने मन की बात करना गलत है, नाजायज है?’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने जब दो घंटे तक मणिपुर का उल्लेख नहीं किया तो विपक्ष को सदन से बहिर्गमन करना पड़ा।

चौधरी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ तीन मिनट तक मणिपुर को लेकर बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस सत्र में नियमों और संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाईं और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने के बाद भी कई विधेयक पारित करवा लिए गए।

ये भी पढ़ें: Loksabha Chunav: 2019 की 160 हारी सीटों पर PM करेंगे 45-55 रैलियां

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें