केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की ओर से उनकी बेटी पर लगे आरोपों के संबंध में मानहानी का मुकदमा दायर किया था। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को शुक्रवार को समन जारी किया है। यही नहीं हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को तुरंत ट्वीट हटाने को कहा है।
जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता 24 घंटे के भीतर उसके निर्देशों का पालन नही करते तो सोशल मीडिया मंच ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब स्वयं इससे संबंधित पोस्ट हटा दें।
क्या है मामला?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी की बेटी जोइश ईरानी गोवा में सिली सोल्स कैफे एंड बार नाम से जो रेस्टोरेंट चलाती हैं, उसका लाइसेंस फर्जी है। शराब के लाइसेंस को जिसके नाम से रिन्यू कराया, उसकी 13 महीने पहले मौत हो चुकी है।
जिसके बाद स्मृति ईरानी ने जयराम रमेश और पवन खेड़ा के खिलाफ 2 करोड़ की मानहानी का मुकदमा दायर किया है। ईरानी की तरफ से कहा गया है कि उनकी बेटी पर झूठे आरोप लगाए गए है। उनकी बेटी पढ़ाई करती है कोई बार नहीं चलाती। स्मृति ईरानी आगे कहा जिस बार का जिक्र कांग्रेस नेता बार बार कर रहे हैं उससे उनकी बेटी का कोई रिश्ता या लेना देना नहीं है। दुर्भावना से उस बार के साथ मेरी बेटी का नाम जोड़ा गया है।
कोर्ट के समन जारी करने के बाद कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा कि वो और इस मामले में शामिल अन्य कांग्रेस नेता कोर्ट के सामने सारे तथ्य रखेंगे और केंद्रीय मंत्री द्वारा इस मामले को भटकाने के प्रयास को विफल करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘दिल्ली उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर हमसे कहा है कि स्मृति ईरानी की ओर से दायर मामले पर हम औपचारिक रूप से जवाब दें। हम अदालत के समक्ष तथ्यों को रखने के लिए उत्सुक हैं। स्मृति ईरानी जिस तरह से मामले को भटकाने का प्रयास कर रही हैं उसे हम चुनौती देंगे और विफल करेंगे।
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