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पूर्व सांसद आनंद मोहन 16 साल बाद हुए रिहा, DM की हत्या के मामले में मिली थी सजा

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बाहुबली नेता और राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद आनंद मोहन को 16 साल बाद जेल मुक्त कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक डीएम जी. कृष्णय्या हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काटने के बाद उन्हें गुरूवार (27 अप्रैल) सुबह करीब पांच बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। डीएम जी. कृष्णय्या की पत्नी ने इस रिहाई पर आपत्ति जताई है।

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बता दें कि आनंद मोहन अपने बेटे और राजद से विधायक चेतन आनंद की सगाई के पैरोल पर बाहर आए थे। पैरोल समाप्त होने के बाद आनंद मोहन वापस जेल लौट गए। इसके बाद सरकार ने उन्हें रिहा करने के आदेश दे दिए।

IAS अधिकारी की हत्या के दोषी

गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया 5 दिसंबर 1994 को हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे। इसी दौरान मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन के समर्थक DM की गाड़ी को देखते ही उन पर टूट पड़े। पहले उन्हें पीटा गया, फिर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

आरोप लगा कि भीड़ को आनंद मोहन ने ही उकसाया था। घटना के 12 साल बाद 2007 में लोअर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। आजाद भारत में यह पहला मामला था, जिसमें एक राजनेता को मौत की सजा दी गई थी। हालांकि साल 2008 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

आनंद मोहन की पैरोल से लेकर सरकार के रिहा करने के आदेश पर बिहार की राजनीति उबाल मार रही है। बिहार में कांग्रेस राजद और जेडीयू को घेरती दिख रही है। आरोप है कि आनंद मोहन की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने जेल के नियम ही बदल दिए।

उन्हें रिहा करने के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया, तब जाकर उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ। आनंद मोहन के साथ 27 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया। हालांकि बीजेपी इस मामले पर साफतौर पर कुछ कहने से बचती दिख रही है।

बीजेपी ने रिहाई को सही बताया

बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि उनकी रिहाई से किसी को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आनंद मोहन के आड़ में इस सरकार ने जो काम किया है उसे समाज कभी माफ नहीं करेगा बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा ‘वो बेचारे तो बलि के बकरा हैं। वो तो इतनी सजा भोगे हैं आनंद मोहन की रिहाई को लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं लेकिन आनंद मोहन के आड़ में जो काम किया है इस सरकार ने, उसे समाज कभी माफ नहीं करेगा। हालांकि गिरिराज सिंह ने 27 अन्य कैदियों की रिहाई के आदेश को गलत बताया है।

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