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Corruption: रिश्वतखोरी मामले में न्याय मित्र की नियुक्ति, केरल CM पर लगा है आरोप

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Corruption: केरल हाई कोर्ट ने बुधवार, 01 अक्टूबर को राज्य के मुख्यमंत्री सहित केरल में उच्च पदस्थ सिविल सेवा के अधिकारियों पर लगी रिश्वतखोरी के आरोप मामले में एक न्याय मित्र नियुक्त किया। पिछली सुनवाई में अदालत को सूचित किया गया था कि मामले में याचिकाकर्ता की मृत्यु हो गई है। इसको लेकर आज जस्टिस के बाबू ने वकील अखिल विजय को न्याय मित्र के रूप में नियुक्ति की मंजूरी दे दी। इसी साल 26 अगस्त को मुवत्तुपुझा में विशेष न्यायाधीश(सतर्कता) ने आरोपों की जांच की याचिका खारिज कर दी थी।

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Corruption: आयकर रिपोर्ट के माध्यम से दायर की गई याचिका

सतर्कता अदालत के समक्ष याचिका एक आयकर रिपोर्ट के मद्देनजर दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि सीएमआरएल द्वारा सीएम की बेटी के स्वामित्व वाली आईटी फर्म एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को ₹1.72 करोड़ का “अवैध भुगतान” किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि वीणा ने अनुचित लाभ देने के लिए सीएमआरएल से धन प्राप्त किया।

रिश्तखोरी का लगाया आरोप

मामले में आरोप लगाया गया कि सीएम, विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला और कुंजलि कुट्टी, वीके इब्राहिम कुंजू और ए गोविंदन जैसे अन्य राजनेताओं सहित उच्च पदस्थ सार्वजनिक अधिकारियों को भी सीएमआरएल से रिश्वत मिली। और याचिका में इन सभी लोगों को आरोपी बनाया गया था। शिकायत में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया था कि अंतरिम बोर्ड फॉर सेटलमेंट-II, नई दिल्ली के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध आरोपी व्यक्तियों द्वारा किए गए थे।

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