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Bombay HC: आयकर विभाग पर कोर्ट की टिप्पणी, CBDT अपने अधिकारियों को बनाए संवेदनशील

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Bombay HC: बॉम्बे हाई कोर्ट ने चेतावनी दी है कि वह आयकर निर्धारण अधिकारियों पर जुर्माना लगाना शुरू कर सकता है। यदि आयकर अधिकारी मूल्यांकन आदेशों में देरी करते है। कोर्ट ने कहा इससे करदाताओं को जवाब देने के लिए बहुत कम समय मिलता है। जस्टिस केआर श्रीराम और न्यायमूर्ति कमल खाता की बेंच ने इस तरह की देरी की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है कि करदाताओं के साथ उचित व्यवहार किया जाए।

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Bombay HC: आयकर विभाग का रुख है दुर्भाग्यपूर्ण

कोर्ट ने टिप्पणी की, “भारत संघ द्वारा अपने अधिकारियों के माध्यम से उठाया गया यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण रुख है जिसकी निंदा की जानी चाहिए, जो हम करते हैं। हमें उम्मीद है कि सीबीडीटी अपने अधिकारियों को संवेदनशील बनाएगी ताकि वे करदाताओं के साथ इस तरह का व्यवहार न करें। समय आ गया है कि हम ऐसे मूल्यांकन अधिकारियों के वेतन से वसूल की जाने वाली पर्याप्त लागत लगाना शुरू करें,”।

आखिर कोर्ट को क्यों करनी पड़ी सख्त टिप्पणी?

न्यायालय ने यह टिप्पणी आयकर मसौदा मूल्यांकन आदेश को रद्द करते हुए की, जो छह महीने की देरी के बाद दिया गया था और अंततः करदाता(एक कंपनी) को जवाब देने के लिए केवल तीन दिन बचे थे। कंपनी ने आरोप लगाया कि उसने 9 मार्च और 16 मार्च, 2021 को आयकर अधिनियम की धारा 142(1) के तहत आयकर अधिकारियों के नोटिस का जवाब दिया था। हालांकि, मूल्यांकन अधिकारी 3 सितंबर, 2021 तक छह महीने तक इस प्रतिक्रिया पर कार्रवाई करने में विफल रहे।

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