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Agneepath Scheme 2022 : जानिए 4 साल की सेवा खत्म होने पर कहां-कहां मिल सकती है ? नौकरी  

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सेना भर्ती में बड़ा बदलाव किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ लॉन्च की। इसके तहत अब सेना में युवाओं को चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। यह भर्ती साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की उम्र तक के युवाओं की होगी। 

नए भर्ती नियम को लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। विपक्षी पार्टियां पूछ रही हैं कि चार साल की नौकरी पूरी होने के बाद युवा क्या करेंगे? उनके भविष्य का क्या होगा। इस बीच कई राज्य सरकारों और केंद्रीय विभागों ने अग्निवीरों को सेवा समाप्त होने के बाद अपने यहां नौकरियों में वरीयता देने का एलान किया है।

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पहले जानिए नए भर्ती नियम के बारे में सबकुछ
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। भर्ती के लिए साढ़े 17 साल से 21 साल की आयु सीमा तय की गई है। चार साल के अंत में 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा। अधिकतम 25 फीसदी इच्छुक जवानों को सेना में आगे भी सेवा देने का मौका मिलेगा। यह तब होगा जब रिक्तियां होंगी। जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी। 

एक करोड़ का बीमा, 10वीं पास जवानों को 12वीं भी कराई जाएगी
नए नियम के मुताबिक भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने की ट्रनिंग दी जाएगी। इसके लिए 10वीं या 12वीं पास छात्र आवेदन कर सकेंगे। 10वीं पास जवानों को सेवाकाल के दौरान 12वीं भी कराई जाएगी। इन नौजवानों को अग्निवीर कहा जाएगा। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी।

इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। 

चार साल बाद मिलेगी एकमुश्त राशि
चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा। येाजना की शुरुआत 90 दिन बाद हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। 

जानें कितना मिलेगा वेतन ?                                   

साल  महीनेवार वेतन  कैश इन हैंड 
प्रथम वर्ष   30000      21000 
दूसरे वर्ष   33000      23100
तीसरे वर्ष           36000          25580
चौथे वर्ष 40000        28000


नोट: कुल वेतन का 30 फीसदी हिस्सा अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होगा। इतनी ही राशि सरकार भी इस फंड में डालेगी। चार साल बाद ब्याज सहित यह राशि अग्निवीर को मिलेगी। जो 11.71 लाख रुपये होगी।

पैरामिलिट्री फोर्स: गृहमंत्री अमित शाह ने अग्निवीरों के लिए बड़ा एलान किया। कहा कि सेना में चार साल सेवा करने के बाद अग्निवीरों को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की भर्ती में वरीयता मिलेगी। इनमें बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पैरामिलिट्री फोर्स को भी फायदा मिलेगा और सेना से सेवा समाप्त होने के बाद अग्निवीर भी बेरोजगार नहीं घूमेंगे। 

असम राइफल्स : गृहमंत्रालय ने असम राइफल्स की भर्ती में भी अग्निवीरों को वरीयता देने का फैसला लिया है। असम राइफल्स भी एक तरह से पैरामिलिट्री फोर्स का ही हिस्सा है। 

मध्य प्रदेश पुलिस : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अग्निवीरों के लिए बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि सेना में चार साल की सेवा करने के बाद युवाओं को मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में भी वरीयता मिलेगी। 

यूपी : अग्निवीरों को यूपी पुलिस व होम गार्ड्स की भर्ती में भी वरीयता मिल सकती है। हालांकि, अभी इसके लिए आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। योगी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि अग्निवीरों को वरीयता देने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एलान करेंगे।

केंद्रीय विभाग : अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की नौकरी करने के बाद युवाओं को केंद्र सरकार के तमाम विभागों में वरीयता देने की तैयारी है। इसमें रेलवे, डाक, स्वास्थ्य विभाग, खेल विभाग शामिल है। 

अन्य राज्य सरकार : केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना के एलान के बाद अब राज्य सरकारों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी इसका एलान किया था कि आने वाले कुछ दिनों में कई राज्य सरकारें अग्निवीरों को नौकरियों में वरीयता देने से जुड़ा एलान करेंगी। 
भारतीय जनता पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की नौकरी करने वाले जवानों को ज्यादातर राज्यों की भर्ती प्रक्रिया में वरीयता मिलेगी। खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में।

सिविल सर्विसेज : आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिए होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा में भी अग्निवीरों को वरीयता मिलेगी।
 सेना में अफसर बनने का भी विकल्प : अग्निवीरों के पास सेना में चार साल की सेवा देने के बाद अफसर बनने का विकल्प भी होगा। ऐसे नौजवान अपनी पढ़ाई पूरी करके सीडीएस और शार्ट सर्विसेज के जरिए सेना में अफसर बन सकते हैं। रिटायर्ड कर्नल अशोक मोर बताते हैं कि सीडीएस में आयु सीमा 25 साल की होती है, जबकि शार्ट सर्विसेज में 26 साल। ऐसे में अगर कोई युवा साढ़े 17 साल में अग्निवीर बनता है तो उसे सेना में साढ़े 21 साल की उम्र तक सेवा देना होगा। इसके बाद स्नातक करके वह सीडीएस और शार्ट सर्विसेज के लिए अर्ह होगा।

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