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संत विजयदास की मौत के मामले में जेपी नड्डा का एक्शन मोड़, उच्च स्तरीय समिति का किया गठन

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नई दिल्ली। संत विजयदास की मौत से पूरे संत समाज में मातम सा छा गया है। आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर में अवैध रूप से पहाड़ियों के खनन को बंद कराने के लिए संत विजयदास पिछले 551 दिनों से धरना पर बैठे थे। खबरों के मुताबिक राज्य सरकार ने उनके प्रति बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखाई और जिसके चलते मामला यहां तक पहुंच गया कि उन्होंने आत्मदाह कर लिया है।

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जेपी नड्डा ने समीति का किया गठन

राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन के विरोधी संत विजयदास जी के आत्मदाह के बाद इस मामले को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह समिति भरतपुर जाकर घटना स्थल का दौरा करेगी इसके साथ ही हादसे से जुड़ी जानकारी भी एकत्रित करेगी। जिसके बाद वो जांच रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी जाएगी।आपको बता दें कि विजयदास जी ने पहाड़ियों के खनन के विरोध में 20 जुलाई, 2022 को आत्मदाह किया था। जिसके बाद 23 जुलाई को इलाज के दौरान उनकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है।

सांसद रंजीता कोली ने की CBI जांच की मांग

मामले की गंभीरता को देखते हुए भरतपुर से भाजपा सांसद रंजीता कोली ने संत विजयदास के आत्मदाह मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि , राजस्थान के भरतपुर जिले में अवैध रूप से पहाड़ियों के खनन को बंद करने कराने के लिए संत विजय दास ने आमरण अंसन रखा था , लेकिन सरकार की लापरवाही ने उन्हें मौत की नींद सुला दिया है।

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लीं आखरी सांसें
खबरों के मुताबिक संत बाबा विजय दास राजस्थान, भरतपुर के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध में खुद को आग के हवाले कर दिया है। जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई, लेकिन तब तक संत विजयदास का शरीर 80 प्रतिशत से ज्यादा जल चुका था। हादसे के बाद संत वियजदास को भरतपुर के राजबहादुर मेमोरियल अस्प ताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन हालात इतने खराब हो गए कि उन्होंने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया।

निशांत दिक्षित

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