मक्का-मदीना में हिन्दू की दुकान है क्या?, मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है…? : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
Bageshwar Baba : अखाड़ा परिषद की मांग के बाद अब पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी महाकुंभ 2025 को लेकर उनकी मांग में सुर से सुर मिलाया है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन में मुस्लिमों को दुकान आवंटित नहीं करनी चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि जब मक्का मदीना में किसी हिंदू को दुकान नहीं मिल सकती तो महाकुभ में इन्हें क्यों.
‘अखाड़ा परिषद के फैसले के साथ’
उन्होंने कहा कि कुंभ में कोई मुस्लिम भगवा वस्त्र पहन कर नहीं जा सकता. छत्तीसगढ़ के कवर्धा में उन्होंने कहा कि यह तो वही बात है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है…? अखाड़ा परिषद ने तय किया है कि कुंभ में मुस्लिमों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस फैसले में वो अखाड़ा परिषद के साथ हैं.
‘थूक कांड वालों के खिलाफ फतवा जारी क्यों नहीं…’
उन्होंने कहा कि भाईचारा रखना है तो थूक कांड वालों के खिलाफ फतवा जारी क्यों नहीं किया गया. हम दोहरी मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकते. ऐलान किया कि बस्तर में धर्मांतरण रोकने और हिन्दुओं को जागरूक करने के लिए जल्द पदयात्रा की जाएगी. धर्मातंरण करने वालों की घर वापसी की जाएगी.
सरकार से किया था अनुरोध
बता दें कि आखाड़ा परिषद ने कहा था कि बहुत प्लांटेड तरीके से आदिवासी संस्कृति खत्म करने की कोशिश की जा रही है. कुछ दिनों पहले अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में मुसलमानों को चाय, जूस और खानपान की दुकानें नहीं देने का प्रस्ताव पास किया था. परिषद की ओर से सरकार से अनुरोध किया गया था कि आयोजन की महत्ता को देखते हुए किसी गैर समुदाय के व्यक्ति को इस आयोजन में वेंडर का लाइसेंस न दिया जाए. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सरकार से यह अनुरोध किया था.
‘कुछ लोगों ने पूरे समुदाय को बदनाम किया’
इस पर तर्क देते हुए कहा गया था कि समुदाय विशेष के चाय में थूकने, जूस में पेशाब आदि घटनाओं को देखते हुए उनके प्रति हिंदुओं का विश्वास कमजोर हुआ है. उन्होंने समुदाय विशेष को वेंडर का लाइसेंस दिए जाने पर इस तरह की घटनाएं होने की आशंका व्यक्त की थी. कहा गया था कि आयोजन में नागा सन्यासी और अन्य साधु संत एकत्रित होंगे ऐसे में नुकसान पहुंचाने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि अखाड़े में कई मुस्मिल काम करते हैं उनके साथ कभी हम लोग भेदभाव नहीं करते. लेकिन कुछ लोगों ने समाज को बदनाम कर दिया है.
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