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औरंगजेब की कांप जाती थी रूह इनका नाम सुनकर, जानें उनके बारें में

shivaji maharaj birth anniversary:  कल देश भर में छत्रपति शिवाजी महाराज की 391वीं जयंती मनाई जाएगी।  19 फरवरी, 1630 को जन्मे वीर शिवाजी महाराज की गौरवशाली गाथा आज भी लोगों को सुनाई जाती है। शिवाजी महाराज के पिता का नाम शाहजी भोंसले था। जबकि उनकी माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी महाराज बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह अपने पिता से युद्धों के बारे में चर्चा किया करता था। कहा जाता है कि शिवाजी महाराज में बचपन से ही सीखने और समझने की इच्छा बहुत ज्यादा थी। उनके पिता ने ही उनको हथियार चलाना भी सिखाया था।

मुगलों से किया यु्द्ध

साल 1670 में छत्रपति ने मुगलों की सेना से भीषण युद्ध किया था। मुगलों को हराने के बाद सिंहगढ़ के किले पर अपना झंडा फहराया। फिर इसके बाद 1674 ई. में उन्होंने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। भारतीय इतिहास में कई योद्धाओं की अहम भूमिका रही है। अनेक वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है। छत्रपति शिवाजी महाराज उनमें से एक थे। वर्ष 1670 में उन्होंने  मुगलों की सेना से भीषण युद्ध किया। मुगलों को हराने के बाद सिंहगढ़ के किले पर अपना झंडा फहराया। इसके बाद 1674 ई. में उन्होंने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी।

शिवाजी महाराज महान योद्धा थे

शिवाजी महाराज भारत के एक महान योद्धा और कुशल रणनीतिकार के रूप में भी जाने जाते हैं। बता दें कि शिवाजी ने गुरिल्ला युद्ध की एक नई शैली विकसित की थी। शिवाजी महाराज ने अपने कार्यकाल में फारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत को अधिक प्राथमिकता दी। उसने कई वर्षों तक मुगल शासक औरंगजेब से संघर्ष किया। वर्ष 1656-57 में मुगलों से युद्ध किया था।

वर्ष 1656-57 में मुगलों ने पहली बार शिवाजी महाराज से युद्ध किया। उन्होंने बहुत सी संपत्ति और मुगलों के सैकड़ों घोड़ों पर कब्जा कर लिया था। कहा जाता है कि 1680 में छत्रपति शिवाजी की मृत्यु उनकी राजधानी पहाड़ी किले राजगढ़ में किसी बीमारी के कारण हो गई थी। इसके बाद उनके पुत्र संभाजी को उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

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