
Anxiety Disorder : एंग्जायटी डिसऑर्डर किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। शुरूआती दिनों में यह समझ में नहीं आता, मगर जैसे – जैसे यह सामान्य तौर पर होने लगता है वैसे – वैसे व्यक्ति डिप्रेशन की ओर बड़ता जाता है। एंग्जायटी डिसऑर्डर एक प्रकार का मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति अपने अंदर तेज घबराहट, बेचैनी, चिंता, डर और नकारात्मक विचारों को महसूस करता है। ऐसे में तेज पसीना आना, घबराहट होना और हाथ कांपने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। समय रहते इसका इलाज कराना जरूरी है, नहीं तो यह घातक रूप में बदल सकती है।
एंग्जायटी के कारण
किसी गंभीर बीमारी के कारण आपको उसके इलाज या भविष्य की चिंता के सताने की वजह से एंग्जायटी हो सकती है। जीवन में घटी कोई बड़ घटना की वजह से तनावपूर्ण रहने की स्थिति में, ड्रग्स या अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन करने से और यदि आप सही से नींद नहीं लेते हैं तो भी आपको एंग्जायटी डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। कभी – कभी यह भी देखा जाता है कि किसी बच्चे या व्यक्ति ने ऐसी किसी दर्दनाक घटना का सामना किया होता है, जिससे उसे अपने जीवनकाल में एंग्जायटी डिसऑर्डर या डिप्रेशन की समस्या से जूझना पड़ता है।
एंग्जायटी का निदान
जब व्यक्ति अधिक विचार या चिंता करने को अपने जीवन का हिस्सा बना लेता है, तो वह अपने दिमाग में अलग – अलग तरह के डर को बसा लेता है। जिसके कारण वे एंग्जायटी के शिकार होने लगते है। एंग्जायटी डिसऑर्डर का उपचार तीन तरीकों से हो सकता है- दवा, मनोचिकित्सा, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से। इसके अलावा आप खुद ही इसे बढ़ने से रोक सकते हैं, खुद को समय दें और देखें की आपको किस वजह से यह समस्या है या आप किस चीज़ को सोचते ही चिंतित होने लगते हैं। उसके बाद कोशिश करें की अगली बार आप उस विषय में न सोचें या नकारात्मक विचारों को न बनने दें।
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