स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और विवादित बयान, कहा- ‘जी20 ढाक के तीन पात…’

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य आज यूपी के महोबा पहुंचे। यहां उन्होंने मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार में जाने से पहले कबरई कस्बे में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जी20 समिट को ढाक के तीन पात बताया और कहा कि ऐसे सम्मेलनों से देश का कोई फायदा नहीं होने वाला है। यही नहीं उन्होंने 1947 के बाद से सभी धार्मिक स्थलों में कोई भी बदलाव न किए जाने की बात कही और कहा कि भाजपा सरकार में बेरोजगारी चरम पर है। वहीं घोसी विधानसभा को लेकर उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर बड़बोले नेता के चलते घोसी की जनता ने बीजेपी को करारा जवाब देकर ओपी राजभार का मुंह बंद कर दिया है। बीजेपी सरकारी सरकारी संस्थाओं को बेचकर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है और देश लगातार पीछे जा रहा है। मोदी योगी संविधान की कसम खाकर उसी संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
‘जी20 सम्मेलन ढाक के तीन पात’
आपको बता दे कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव है, जिसके प्रचार को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य जाने से पहले महोबा पहुंचे। जहां सपा कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनकर उनका जोरदार स्वागत किया। महोबा के कबरई कस्बे में नगर पंचायत अध्यक्ष राजकिशोरी के आवास में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि जी20 से देश को कोई फायदा नही होना है। यूपी में भी इसी तरीके से एक नहीं बल्कि अनेक समिट किए गए, जिसका फायदा उत्तर प्रदेश को नहीं हुआ जी20 भी वही ढाक के तीन पात है इसका भी कोई फायदा नहीं होना।
स्वामी प्रसाद मौर्य का ओपी राजभर पर निशाना
वहीं घोसी विधानसभा में समाजवादी पार्टी की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि है जीत समाजवादी पार्टी की भी है और INDIA गठबंधन की भी है। घोसी की जनता ने सबक सिखाने के लिए अपनी ताकत का एहसास कर दिया है। सत्ता के दुरुपयोग के बावजूद भी लंबे अंतराल से सपा और INDIA की जीत हुई है। उन्होंने घोसी विधानसभा जीत का श्रेय वहां की जनता को दिया और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर निशाना साधते हुए कहा कि ओपी राजभर को बोलने की बीमारी थी उनकी बोलती घोषी की जनता ने बंद कर दी है। उनके बड़बोलेपन के कारण ही उनकी किरकिरी हुई है और अब मोबाइल बंद कर मीडिया के सामने आने से भी बच रहे हैं।
इंडिया-भारत नाम पर क्या बोले मौर्य
INDIA और भारत नाम के विवाद पर उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में पढ़े-लिखे लोग देश का नाम बदलने की मांग नहीं कर सकते “India, That is Bharat” भारतीय संविधान का यह पहला अनुच्छेद में इसकी व्याख्या है और इंडिया भारत दोनों हमारे देश के नाम हैं जो इंडिया नाम हटाने की मांग कर रहे हैं असल में उन्हें भारत से ही प्रेम नहीं है। यदि भारत से प्रेम होता तो एक सप्ताह पूर्व हिंदू राष्ट्र की मांग न करते जब भारत खुद एक राष्ट्र है तो हिंदू राष्ट्र की मांग क्यों कर रहे हैं। इसका मतलब इन्हें न भारत से प्यार है और न ही इंडिया से प्रेम है।
उन्होंने कहा कि यह पहली ऐसी निकम्मी सरकार है जिसने देश को लाभ देने वाले सरकारी संस्थानों को बेंचकर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया है। देश के सभी बंदरगाह, रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट अपने चहेते उद्योगपतियों के हवाले कर दिए गए। यही नहीं देश के सबसे बड़े प्रतिष्ठान एलआईसी को भी उद्योगपतियों के हवाले कर दिया है। देश के पीएम को आम लोगों की चिंता नहीं बल्कि अडानी और अंबानी की चिंता ज्यादा है। संविधान की कसम खाकर बैठे हुए मोदी और योगी संविधान की ही धज्जियां उड़ा कर अनुसूचित जाति ओबीसी जातियों के आरक्षण को शून्य करती जा रही है। इंडिया गठबंधन की पहली प्राथमिकता होगी देश बचाना, संविधान बचाना और लोकतंत्र बचाना जिसके लिए आम चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करना होगा।