यू-ट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ अदालत की अवमानना का आरोप, अटॉर्नी जनरल ने दी कार्यवाही शुरू करने की सहमति

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नई दिल्ली: अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भारती द्वारा अपलोड किए गए YouTube वीडियो के लिए अजीत भारती के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना ​​​​मामला शुरू करने की मंजूरी दे दी है जिसमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ अपमानजनक आरोप हैं।

वकील कृतिका सिंह ने भारत के महान्यायवादी को एक पत्र भेजा था जिसमें यू-ट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ अदालत के अवमानना की मांग की गई थी। इस पत्र को संझान में लेते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल  अदालत की अवमानना ​​अधिनियम की धारा 15 के तहत सहमति दे दी है।

अटॉर्नी जनरल ने दिया पत्र का जवाब

अटॉर्नी जनरल ने वकील कृतिका सिंह को पत्र के जरिए कहा, ‘मैंने श्री अजीत भारती के खिलाफ न्यायालय अवमानना ​​अधिनियम, 1971 की धारा 15 के तहत आपराधिक अवमानना ​​के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति के लिए आपके आवेदन को देखा है  और आपके द्वारा प्रदान किए गए YouTube लिंक पर उनके भाषण का वीडियो देखा है, जिसका मेरे लिए अनुवाद किया गया है। मैंने उस वीडियो की सामग्री का अंग्रेजी अनुवाद भी देखा है जिसे आपने अपने आवेदन में संलग्न किया है। मैंने पाया कि वीडियो की सामग्री, जिसे लगभग 1.7 लाख दर्शकों ने देखा है, अपमानजनक, स्थूल और भारत के सर्वोच्च न्यायालय और समग्र रूप से न्यायपालिका के लिए अत्यधिक अपमानजनक है, जिसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से अदालतों को बदनाम करना है। श्री अजीत भारती द्वारा सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ लगाए गए आरोप, अन्य बातों के अलावा, रिश्वत, पक्षपात, भाई-भतीजावाद और सत्ता के दुरुपयोग के हैं।

कार्यवाही की सहमति

आगे केके वेणुगोपाल ने लिखा, ‘इन अपमानजनक बयानों के पीछे का मकसद जो भी हो, यह स्पष्ट है कि वक्ता जो की शिक्षित है उसे पता होगा कि इसका परिणाम भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अवमानना ​​क्षेत्राधिकार को आकर्षित करना होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विचाराधीन बयान जनता की नजर में न्यायालय के अधिकार को कम कर देंगे और न्याय प्रशासन में बाधा डालेंगे। मैं इस आधार पर मामले मेंआगे बढ़ रहा हूं कि वीडियो की सामग्री प्रामाणिक है। मुझे श्री अजीत भारती द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो की सामग्री के आधार पर अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति देने में कोई संकोच नहीं है’।