Air Pollution: समस्या से निपटने की जिम्मेदारी कैबिनेट सचिव की, मामले में सिर्फ दिल्ली और पंजाब ने सौंपा Affidavit

Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बताया हैं। इस समस्या से निपटने के लिए भारत के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को जिम्मेदारी दी गई है कि वह दिन प्रतिदिन के स्तर पर प्रदूषण समस्या का समाधान करें। इस मामले पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा दोषी हरियाणा की सरकार हैं। सीएम मनोहर लाल खट्टर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दिल्ली और आसपास के सभी जगहों पर प्रदूषण का काला साया छाया है। उस समय में देश के पर्यावरण मंत्री चुनावी सभा करने में व्यस्त हैं।
Air Pollution: चुनावी सभा में व्यस्त है पर्यावरण मंत्री
आप नेता ने प्रेस वार्ता कर बताया कि ऐसे समय में जब केंद्र सरकार और उनकी सभी एजेंसी को 24 घंटे प्रदूषण से लड़ने के लिए काम करना चाहिए। उस समय देश के पर्यावरण मंत्री मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनावी सभा करने में व्यस्त हैं। और जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने कल आदेश दिया कि ‘कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी है कि दिन प्रतिदिन के स्तर पर प्रदूषण की समस्या का समाधान करें आप अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं’।
सिर्फ दिल्ली और पंजाब सरकार निभा रही जिम्मेदारी
प्रेस वार्ता में दुर्गेश पाठक ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जब सुप्रीम कोर्ट में गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है। पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रतिनिधि उसमें शामिल हैं। लेकिन सिर्फ दिल्ली और पंजाब ने अपना एफिडेविट जमा किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्पॉन्सर कुछ मीडिया के लोग सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के ऊपर इस जिम्मेदारी को डाल देते हैं। ऐसा लगता है कि पूरा एक एजेंडा चलाया जाता है।
पंजाब सरकार अकेले कर रही कोशिश
प्रेस वार्ता में ये भी कहा गया कि पंजाब सरकार ने अपने हलफनामे में बताया कि पराली को नष्ट करने वाली मशीनों की कीमत काफी ज्यादा है। पंजाब सरकार मशीन की खरीद पर किसानों को सब्सिडी देने के लिए तैयार है लेकिन केंद्र सरकार कोई मदद नहीं कर रही है। कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार को बिल्कुल इसमें 50 फीसदी की मदद करनी चाहिए। पंजाब में हमारी सरकार बनने से पहले 2021 में लगभग 73 हजार जगह पर पराली जलाई जाती थी। लेकिन अब हमारी सरकार बनने के बाद यह आंकड़ा 17 हजार पर आ गया है। ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं में करीब 65% तक की कमी आई है।
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