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गोवा में नारियल के साथ हेलीकोनिया पुष्प उत्पादन से अधिक किसान मुनाफा कमा रहे है

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गोवा में नारियल एक महत्वपूर्ण बागानी फसल है। यहां 25,730 हैक्टर क्षेत्र में नारियल उगाया जाता है और 5014 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर इसका औसत उत्पादन होता है। अब इसके अलावा हेलीकोनिया पुष्प उत्पादन से अधिक मुनाफा कमाया जा रहा है।

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ऐसा मन जा रहा है कि अगले 3-4 वर्षों तक फूलों के उत्पादन में भी वृद्धि होगी। चूंकि गोवा जैसे पर्यटन स्थल पर फूलों की मांग बहुत ज्यादा है इसलए सिर्फ गोवा में ही वार्षिक पुष्प व्यापार लगभग 30 करोड़ रुपये है।

इसके मद्देनजर गोवा के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर द्वारा गोवा में प्रगतिशील किसानों के जरिए आशाजनक व्यावसायिक फूलों की खेती पर जोर दिया जा रहा है।
फूल हेलीकोनिया ने तीन वर्षों (2009-2012) तक नारियल के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। इसके लिए हेलीकोनिया की 45 किस्मों का अध्ययन किया गया। इन फूलों को बाजार में भेजकर, बाजार से इसका फीडबैक लिया गया।
बारह वर्षीय नारियल बागान में 2X2मी. की दूरी पर छः हेलीकोनिया किस्मों की अंतःखेती की गयी। इसमें 4 नारियल के पेड़ों में 20 पौधे लगाये गये। दिसम्बर, 2012 में हेलीकोनिया के 2,000 पौधे लगाये गये और हेलीकोनिया उत्पादन पर अधिक जानकारी देने के लिए प्रतिमाह वैज्ञानिक दौरे आयोजित किये गये।

किसान अतिरिक्त आय की तरफ बढ़ा रहा है कदम

नारियल के साथ हेलीकोनिया पुष्प उत्पादन से अधिक मुनाफा शुरुआत में चयनित हेलीकोनिया किस्मों (कुल 875 पौधे) को 1,50,000/- रु. की अनुमानित लागत से लगाया गया। इसके बाद इन्हें 3000 वर्ग मीटर नारियल बागान में उगाया गया। उत्पादन लागत में रोपण सामग्री की कीमत (75 प्रतिशत) और खाद व सिंचाई शामिल हैं।

हेलीकोनिया पूर्णतया कीट और रोगों से मुक्त होते हैं। इसमें 10 प्रतिशत लागत फूलों की तुड़ाई, पैकिंग और परिवहन पर खर्च होती है। इसलिए कुल लागत 1,00,000 रु. प्रति वर्ष है। इस तरह गोवा के इस नारियल बागान में हेलीकोनिया पुष्प उत्पादन से 1,42,950/- रु. की शुद्ध आय एक वर्ष में प्राप्त हुई

खास बात नारियल की खेती में हेलीकोनिया पुष्प की भी खेती हो सकती है

गोवा में 25,730 हैक्टर क्षेत्र में नारियल उगाया जाता है और 5014 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर इसका औसत उत्पादन होता है। आमतौर से इसे 8X8 मी. की दूरी पर उगाया जाता है और अधिकतर नारियल बागानों में बीच के खाली स्थान का पूरा उपयोग नहीं किया जाता। इसलिए नारियल बागानों से आय बढ़ाने के लिए विभिन्न फसलों का मूल्यांकन किया गया।

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