आखिर क्यों पुरुषों को देश नहीं छोड़ने दे रहा Ukraine?

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में तीसरे दिन भी रूसी हमला जारी है। वहां के अलग-अलग शहरों से खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिसके कारण वहां के लोग डरे हुए हैं। राजधानी कीव पर हो रहे रूसी एयरस्ट्राइक के बाद लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में देश की सीमा पार कर पश्चिम में स्थित पड़ोसी देशों में जा रहे हैं।
पड़ोसी देशों में शरण लेने वालों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने आदेश जारी किया है कि देश में जो भी नागरिक सेना में शामिल होने लायक हैं, वे देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं।
राजधानी कीव से पोलैंड के प्रेजेमिस्ल पहुंची महिला डारिया ने रोते हुए कहा कि पुरुषों को ट्रेन से खींचकर नीचे उतारा जा रहा था। साथ ही उन पुरुषों को भी उतारा जा रहा था जो अपने बच्चों के साथ यात्रा कर रहे थे। एक 68 साल की महिला विल्मा शुगर यूक्रेन के उजहोरोड से अपने 47 साल के बेटे के साथ हंगरी में शरण लेने जा रही थी, लेकिन उनके बेटे को ट्रेन से उतार दिया गया। उन्होंने बताया कि वे अब हंगरी के जाहोनी पहुंच चुकी हैं। विल्मा शुगर ने कहा कि यूक्रेन के अधिकारी लोगों से सभ्यता से पेश आ रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों का पहला कर्तव्य देश की रक्षा करना है।
गांव में शरण ले रहे हैं यूक्रेन के लोग
रुसी हमले से बचने के लिए लोग शहरों को छोड़कर गांवों में शरण ले रहे हैं। उनका मानना है कि रुस की सेना आम नागरिकों पर हमला नहीं करेगी।
1 लाख से ज्यादा लोग छोड़ चुके हैं यूक्रेन
देश में लगातार पलायन का दौर जारी है। संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थी समस्या विभाग के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने बताया है कि पिछले 48 घंटे में यूक्रेन के 50 हजार से ज्यादा नागरिक शरणार्थी बनकर दूसरे देशों में पनाह ले चुके हैं। अबतक 1 लाख से अधिक लोगों ने देश छोड़ दिया है।
पड़ोसी देश दे रहे हैं शरणार्थियों को पनाह
यूक्रेन और रूस की जंग के बीच कई पड़ोसी देश शरणार्थियों को पनाह दे रहे हैं। पोलैंड, स्लोवाकिया, हंगरी, रोमानिया और मोल्दोवा, यूक्रेन के लोगों को शरण, भोजन और कानूनी सहायता दे रहे हैं। इन देशों ने अपनी सामान्य सीमा प्रक्रियाओं में भी ढील दी है। यूक्रेन से लोग जब सीमा पार कर रहे थे तो पोलैंड के अधिकारी उनका स्वागत कर रहे थे।