‘लोगों के समग्र विकास के प्रयास किए जा रहे…’, राष्ट्र के नाम संबोधन पर बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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Address : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र की पूर्व संख्या पर देश को संबोधित कर रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि आज के दिन सबसे पहले हम उन सूर वीरों को याद करते हैं, जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी।

राष्ट्रपति ने संबोधन में आगे कहा कि देश में विकास की ये रफ्तार आगे भी बनी रहेगी। भारत का आर्थिक विकास तेजी से हुआ है। महिलाएं और बच्चे विकास के केंद्र में हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कद भी बढ़ा है। देश में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों के समग्र विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। सड़क, बंदरगाह का तेजी से विकास हो रहा है। बिजली के क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है।

‘अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल’

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल भारत को ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था लेकिन भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा। आज के दिन सबसे पहले हम उन सूर वीरों को याद करते हैं, जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी। इस वर्ष, हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं। वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं, जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है।

‘सभी हिस्सों और सभी समुदायों…’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में भी दिखाई देता है। उस सभा में देश के सभी हिस्सों और सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व था। सबसे अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी 15 असाधारण महिलाएं भी शामिल थीं।

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