एक ऐसा सपना जिसने अडानी को बना दिया दुनिया का तीसरा सबसे अमीर आदमी, जानें कौन सा था वो सपना?

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गौतम अडाणी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, आपको बता दें कि अब गौतम अडाणी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर इंसानों की लिस्ट में भी शामिल हो गए हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आखिर अडाणी का कौन सा ऐसा सपना था जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया है। कहा तो ये भी जाता है कि उनकी इस सफलता में उनके इस सपने का बड़ा योगदान है। मिली जानकारी के मुताबिक जिस सपने के बारे में हम आपको बतानें जा रहें हैं वो दरअसल उन्होंने उस सपने का ताना बाना अपने बचपन में ही बुन लिया था

बचपन में ही वो एक बहुत बड़ा बंदरगाह बनाना चाहते थे। सरल भाषा में कहें तो यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। सालों की मेहनत और संघर्ष के थपेड़ों को झेलने के बाद 1995 में उनका ये सपना सच हुआ। अडाणी ग्रुप ने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट को निजीतौर पर चलाने के लिए लगाई गई बोली जीत ली। वर्तमान में उनका ये पोर्ट देश का सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट बन गया है।

10 करोड़ का है टर्नओवर

मुंद्रा पोर्ट पर हर साल 10 करोड़ टन माल उतरता है।अडाणी के हाथों में आने के बाद बंदरगाह के काम करने के सिस्टम को आसान बनाया गया। कार्गो को कम से कम समय में डिलीवर करने के लिए भी जाना गया। अडाणी की बिजनेस लिस्ट में कोयला, खनन, तेल, बिजली उत्पादन और गैस वितरण के साथ बंदरगाह से होनी वाली कमाई का बड़ा हिस्सा शामिल है।अडाणी पोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, गुजरात का मुंद्रा पोर्ट ऐसा बंदरगाह है जो कार्गो को कम से कम समय में डिलीवर करने के लिए जाना जाता है।

 मिली जानकारी के हिसाब से अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ Ltd.) देश का सबसे बड़ा निजी पोर्ट ऑपरेटर और एंड-टु-एंड लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर बन गया है। पिछले 20 सालों से भी कम समय में इसने देश में बंदरगाह के इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विसेज के एक बड़े पोर्टफोलियो को तैयार किया है। यह बंदरगाह देश की पोर्ट क्षमता के 24 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है।

इस पोर्ट को ऑपरेट करने का काम अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड करती है।बता दें कि इस बंदरगाह के जरिए ही यूरिया, डीएपी, कच्चा तेल, पीली मटर, गेहूं, रसायन, तेल, कंटेनर, ऑटोमोबाइल, स्टील कार्गो पहुंचता है। इस पोर्ट की गिनती देश के सबसे बड़े बंदरगाह में होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है इसकी कनेक्टिविटी. यह पोर्ट रेल ट्रैक, रोड नेटवर्क, हवाई अड्डा और क्रॉस कंट्री पाइपलाइन के जरिए कई देशों से जुड़ा हूआ है।

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