
Nirmala Sitharaman on WTO : निर्मला सीतारमण ने WTO को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि विश्व व्यापार संगठन कमजोर हो रहा है या बहुपक्षीय संस्थाएं प्रभावी नहीं रही हैं तो व्यापार के संदर्भ में द्विपक्षीय व्यवस्थाएं ही दिन-प्रतिदिन की जरूरत बन जाएंगी। द्विपक्षीय सहयोग अब प्रमुख एजेंडे में शामिल हो रहा है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें व्यापार और निवेश के अलावा रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई देशों के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना होगा। बहुपक्षीय सहयोग (Multilateralism) अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। हालांकि, मैं इसे पूरी तरह खत्म नहीं कहूंगी, लेकिन द्विपक्षीय सहयोग ही वह प्रभावी तरीका है, जिसका उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे जिनका प्रभाव सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं है, उन्हें हल करने के लिए अब कोई प्रभावी मंच नहीं बचा है। बहुपक्षीय संस्थानों का योगदान धीरे-धीरे घटता जा रहा है। कम से कम निकट भविष्य में इन्हें प्रभावी बनाने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक व्यापार पूरी तरह से पुनर्गठित (Reset) हो रहा है, जिस ढांचे और नियमों के तहत हम अब तक व्यापार कर रहे थे, विशेष रूप से विश्व व्यापार संगठन (WTO) के तहत, वे अब प्रभावी नहीं रहे।
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