
Modi-Shah Chandigarh Visit: 1 जुलाई को देश भर में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य कानूनी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और आधुनिक समाज की जरूरतों के अनुरूप बनाना है। इन कानूनों का औपनिवेशिक युग के 160 साल पुराने कानूनों को हटाकर भारतीयों को न्याय और सुरक्षा प्रदान करना है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में इन कानूनों को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का निरीक्षण किया, जो भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल क्रियान्वयन पर केंद्रित थी। इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये नए कानून “सुरक्षित समाज, विकसित भारत- सजा से न्याय तक” के नारे को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने कहा कि पहले के कानून अंग्रेजी शासन को सुरक्षा देने के उद्देश्य से बनाए गए थे, जबकि नए कानून भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए और भारतीयों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।
सजा की धारणा को बदलना
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी विभागों से प्रशासन से औपनिवेशिक सोच और गुलामी के प्रतीकों को हटाने का आग्रह किया। उनका कहना था कि इन कानूनों का उद्देश्य सजा की धारणा को बदलकर न्याय की धारणा को केंद्र में लाना है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि चंडीगढ़, नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बना है। इन कानूनों के जरिए न्याय प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे आम जनता को जल्द न्याय मिल सके।
इन कानूनों का मुख्य लक्ष्य भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक समसामयिक, उत्तरदायी और जनोन्मुख बनाना है। यह बदलाव प्रधानमंत्री मोदी के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसके तहत वे भारतीय समाज को औपनिवेशिक कानूनों की बेड़ियों से मुक्त करना चाहते हैं।
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