
Pollution in Delhi-NCR : दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है, और इस समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर पहुँच चुका है, जो सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है। इस प्रदूषण का असर शरीर के लगभग हर अंग पर पड़ सकता है, खासकर उन लोगों पर जिनमें पहले से ही सांस की बीमारियां, दिल की समस्याएं या कोई अन्य पुरानी बीमारी है।
सांस की बीमारियां
AQI 400 से अधिक होने पर अस्थमा, क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और निमोनिया जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। खासकर छोटे बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है, जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है।
दिल की समस्याएं
प्रदूषण के छोटे कण खून में मिलकर दिल और आसपास की नसों में जमा हो सकते हैं, जिससे दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ जाता है। यह खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक है जिनको पहले से ही दिल की बीमारी है।
कैंसर का खतरा
कुछ प्रदूषक तत्व जैसे PM2.5 और PAHs (पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन) कैंसर का कारण बन सकते हैं, खासकर लंग्स कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष खतरा
प्रदूषण की इस स्थिति में बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए अतिरिक्त खतरा है, क्योंकि प्रदूषण उनके स्वास्थ्य को और बिगाड़ सकता है, खासकर अगर उनकी कोई पुरानी बीमारी हो।
बाहर जाने से पहले मास्क पहनें. खासकर N95 मास्क पहनें जो प्रदूषण से अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। प्रदूषण के इस स्तर पर बाहरी वर्कआउट या शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए, क्योंकि यह आपके शरीर को अधिक नुकसान पहुँचा सकता है। प्रदूषण अधिक होने पर ट्रैफिक वाले इलाकों से बचें, जहां प्रदूषण का स्तर बहुत उच्च होता है। यदि आपको पहले से ही सांस की समस्याएं हैं, तो अपनी दवाएं और इनहेलर्स हमेशा साथ रखें। ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर आहार का सेवन करें, जिससे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत हो सके। घर के अंदर हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और खिड़कियाँ बंद रखें, ताकि बाहर का प्रदूषण अंदर न आ सके।
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