Delhi News: कल होगा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, राष्ट्रपति होंगी मुख्य अतिथि

Delhi News: कल होगा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, राष्ट्रपति होंगी मुख्य अतिथि

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Delhi News: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरूवार 7 मार्च को दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया जाएगा. इस मौके 3,000 से अधिक स्नातक के छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा. इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को सम्मानित किए जाने की वजह से यह विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे बड़ा दीक्षांत समारोह बन जाएगा. वहीं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस दीक्षांत कार्यक्रम में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी समारोह की मुख्य अतिथि

बता दें कि कल केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन होने वाला है. वहीं देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होगी. इस कार्यक्रम में उनका शामिल होना विश्व गुरु बनने की दिशा में भारत की यात्रा में संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालेगी. वहीं मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति मुर्मू दीक्षांत समारोह में भाषण भी देंगी. अपने भाषण के माध्यम से वह फैकेल्टी मेंबर्स, स्नातक छात्रों, और उपस्थित विशिष्ट अतिथियों को संबोधित करेंगी.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे समारोह का संचालन

वहीं इस दीक्षांत समारोह का संचालन शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे. सेंट्रल संस्कृत युनिवर्सिटी के कुलाधिपति धर्मेंद्र प्रधान विश्वविद्यालय में अपने दूरदर्शी नेतृत्व, उत्कृष्टता और नवाचार के लिए जाने जाते हैं. उनका नेतृत्व विश्वविद्यालय में एक मंच प्रदान करता है.

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636 छात्रों को मिलेगी पीएचडी डिग्री

बता दें कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी दीक्षांत समारोह का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान छात्रों के समर्पण और योग्यता की सराहना की. प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी ने बताया कि इस दीक्षांत समारोह में 636 छात्रों को पीएचडी डिग्री, 105 छात्रों को स्वर्ण पदक और विभिन्न शैक्षणिक स्तरों के हजारों छात्रों को सम्मानित किया जाएगा.

Delhi News: विश्वविद्यालय के कुलपति ने कही ये बात

प्रोफेसर वरखेड़ी ने कहा कि दीक्षांत समारोह शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में कार्य करता है. उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम, संस्कृत ओलंपियाड और भगवत गीता ऑनलाइन ओलंपियाड जैसी नवीन पहल समग्र शिक्षा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. ये कार्यक्रम न सिर्फ छात्रों की जिज्ञासा जगाते हैं बल्कि ज्ञान अर्जन में भी सहयोगी हैं और भारत के प्राचीन मूल्यों को भी स्थापित करते हैं.

उन्होंने कहा कि 7 मार्च को होने वाला दीक्षांत समारोह संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रमाण भी है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के साथ केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की साझेदारी, संस्कृत से संबंधित नीतियों और पहलों को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है. यह सहयोग सुनिश्चित करता है कि संस्कृत एक जीवंत और गतिशील भाषा के रूप में विकसित होती रहे, जो भारत की बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत में योगदान दे.

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