Houthi: अमेरिका-ब्रिटेन का यमन पर अटैक, हूती विद्रोहियों के 8 ठिकानों पर किया हमला

Houthi: अमेरिका और ब्रिटेन ने एक बार फिर यमन पर हमला कर दिया है। खबरों के मुताबिक अमेरिका-ब्रिटेन के सैनिकों ने ये हमला हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके पर किया है। ये हमला शिपिंग पर जारी हमलों के जवाब में किया गया है।
Houthi: अमेरिकी एयरफोर्स ने दी जानकारी
अमेरिकी एयरफोर्स द्वारा हमले की पुष्टि की गई है। उन्होंने बताया कि कुल 8 ठिकानों पर हमला किया गया है। इनमें जमीन के अंदर बनी हथियार रखने की निगरानी करने वाली जगहें शामिल हैं। दोनों देशों का ये दूसरा जॉइंट ऑपरेशन है। बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से पहला हमला 11 जनवरी को किया गया था। इस हमले में अमेरिका और ब्रिटेन ने 30 लोकेशन्स पर 60 टारगेट्स बनाए थे।
कई देशों ने दिया साथ
खबरों के मुताबिक यमन में किए गए हमलों में अमेरिका और ब्रिटेन की सेना अकेले नहीं थी। इनके साथ कई देशों की सेनाओं ने दिया है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड की सेनाएं शामिल हैं। वाशिंगटन और लंदन ने सैन्य कार्रवाई का समर्थन करने वाले अन्य देशों के साथ एक संयुक्त बयान जारी किया है। बयान में कहा है कि ‘इन सटीक हमलों का उद्देश्य उन क्षमताओं को बाधित करना और कमजोर करना है, जिनका उपयोग हूती वैश्विक व्यापार और निर्दोष नाविकों के जीवन को खतरे में डालने के लिए करते हैं।’
बाइडेन-सुनक ने की फोन पर बात
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ब्रिटिश PM ऋषि सुनक से फोन पर बात की थी। जानकारी के मुताबिक दोनों ने ये बात हमले से पहले की थी और दोनों की बातचीत के बाद ही हूती विद्रोहियों पर हमला किया गया था। अमेरिका और ब्रिटेन ने एक बयान जारी कर कहा- हूती विद्रोहियों के हमलों के चलते लाल सागर से गुजरने वाले 2 हजार जहाजों को अपना रास्ता बदलना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि इस समुद्री रास्ते से जहाज दुनियाभर में सामना का इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट करते हैं। करीब 15% शिपिंग ट्रैफिक इस रास्ते पर होता है। हूती विद्रोहियों के हमलों से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इस समस्या को खत्म करने और व्यापार को बचाने के लिए हूती विद्रोहियों को रोकना जरूरी है।