यूपी के कोंच में श्रीराम-रावण के अजब युद्ध की गजब कहानी

Kaunch ki Gajab Ramlila
Kaunch ki Gajab Ramlila: यूपी के जालौन जिले में एक जगह है कोंच। यहां विजयदशमी पर्व मनाने की परंपरा अनूठी है। ये 171 वर्ष पुरानी है। जो भी इसके बारे में पहली बार सुनता है वह अचंभित हो जाता है। आखिर क्या है यह परंपरा आइए जानते हैं।
Kaunch ki Gajab Ramlila: दौड़ा-दौड़ाकर किया जाता है वध
हम आपसे कहें कि उत्तर प्रदेश में एक ऐसी जगह है जहां वध से पहले रावण और मेघनाद के पुतलों को खूब दौड़ाया जाता है। श्रीराम और लक्ष्मण स्वरूप इनके पीछे भागकर इनसे युद्ध करते हैं और इन्हें खूब छकाते हैं। तब जाकर रावण दहन होता है। यह बात सुनकर आपका चौंकना लाजमी है। यह चौंकाने वाला दृश्य आप कोंच में देखेंगे।
Kaunch ki Gajab Ramlila: हजारों की भीड़ बनती है अद्भुत दृश्य की साक्षी
कोंच नगर में रावण-मेघनाद का दहन एक विशेष पुरानी परंपरा के साथ किया जाता है। यहां राम-रावण और मेघनाद-लक्ष्मण का युद्ध एतिहासिक धनुताल के मैदान में किया जाता है। इस मैदान में 40 ,40 फुट ऊंचे रावण-मेघनाद के पुतलों के साथ भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के बाल रूप युद्ध करते हैं। यह युद्ध हजारों की भीड़ में होता है।
युद्ध में लक्ष्मण को लगती है शक्ति, हनुमान जी लाते हैं सजीवनी
इस युद्ध में कई बार मेघनाथ और रावण के पुतले जमीन पर गिरते हैं जिसे देख वहां मौजूद लोग बहुत प्रसन्न होते हैं। युद्ध में लक्ष्मण को शक्ति भी लगती है और हमुमान जी संजीवनी बूटी भी लाते हैं। जब राम और रावण का युद्ध होता है तो इन पुतलों को रस्सियों की सहायता से पूरे मैदान में दौड़ाया जाता है। रावण और मेघनाद के पुतलों को रथों में रखकर दौड़ाने के पीछे लोगों का तर्क है कि बुराई चाहे जितनी भी भागे उसका अंत निश्चित ही होता है।
Kaunch ki Gajab Ramlila: ब्राह्मण बालक ही बनते हैं स्वरूप
कोंच की ऐतिहासिक रामलीला का नाम गिनीज़ बुक में दर्ज है। इसमें राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता का किरदार छोटे-छोटे ब्राह्मण बालक करते हैं। यहां पर किसी भी बाहरी कलाकर को नहीं बुलाया जाता है। धनुताल मैदान पर सोने की लंका भी बनाई जाती है। यहां पर अशोक वाटिका में मां सीता भी विराजमान रहती हैं। इसके अलावा अयोध्या नगरी भी बसाई जाती है।
मुस्लिम कारीगर वर्षों से बना रहे पुतले
रावण-मेघनाद के 40 फिट ऊंचे पुतलों को कई वर्षों से मुस्लिम कारीगर वहीद मकरानी और मकीम अहमद बना रहे हैं। रावण मेघनाद के 40-40 फुट ऊंचे पुतलों को बड़े-बड़े पहियों वाले रथ में रखा जाता है।
रिपोर्टः वरुण गुप्ता, संवाददाता, जालौन, उत्तरप्रदेश
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