सियाचिन में पहला मोबाइल टावर 15,500 फीट की ऊंचाई पर लगा, आनंद महिंद्रा ने कहा- चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर जितना अहम

लद्दाख के सियाचिन में सेना ने हाल ही में 15,500 फीट से ऊपर पहला मोबाइल टावर बनाया है। आनंद महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के CEO, ने इसे चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर की तरह महत्वपूर्ण बताया है। “देवुसिंह ने सियाचिन में इंस्टॉल किए गए पहले मोबाइल टावर की ये तस्वीरें शेयर की हैं”, उन्होंने प्लेटफार्म X पर पोस्ट किया।
हमारी दुनिया में ये कुछ भी नहीं है, लेकिन सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में हर दिन अपनी जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों के लिए यह उपकरण विक्रम लैंडर जितना महत्वपूर्ण है। वे अब अपने घरों से जुड़े रहेंगे। यह खबर मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
6 अक्टूबर को सियाचिन वॉरियर्स ने टावर स्थापित किया
6 अक्टूबर को सियाचिन वॉरियर्स ने BSNL की मदद से 15,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर पहला टावर बनाया, इंडियन आर्मी ने बताया। जवानों को इसकी मदद से मोबाइल कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
थार-ई को चांद पर उतारने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं आनंद महिंद्रा
चांद पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की सफल लैंडिंग के बाद हाल ही में आनंद महिंद्रा ने थार-ई को चांद पर उतारने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था,’हमारी महत्वाकांक्षाओं को उड़ान देने के लिए धन्यवाद इसरो। भविष्य में एक दिन हम चांद की सहत पर विक्रम और प्रज्ञान के बगल में थार-ई को उतरते देखेंगे और असंभव को संभव करेंगे। इसके साथ ही आनंद महिंद्रा ने एक एनिमेशन वीडियो शेयर किया था। वीडियो में चांद की सतह पर विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर की जगह थार-ई बाहर आते दिखाई दे रही है।
1997 में आनंद महिंद्रा, महिंद्रा ग्रुप के MD बने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन करने वाले आनंद ने शायद तभी समझा था कि ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर ले जाना मुमकिन नहीं है। आनंद महिंद्रा ने देश में बिजनेस के बदलते वातावरण को भांपते हुए ऑटो इंडस्ट्री पर ध्यान दिया। उसने इस परियोजना में शामिल हुए अपने इंजीनियरों को भारतीय बाजार के लिए एक मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (MUV) का प्रस्ताव बनाने का काम सौंपा। उनका प्रयास सफल रहा। 2002 में, महिंद्रा ने स्कॉर्पियो नामक अपनी पहली MUV भारतीय बाजार में पेश की। भारत ने इसे बनाया था।
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