
भाजपा की रणनीति राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश से अलग होगी। पार्टी इन दोनों सूबों में कुछ महत्वपूर्ण नेताओं को चुनाव लड़ा सकती है, लेकिन मध्य प्रदेश की तरह सभी महत्वपूर्ण नेताओं को नहीं चुना जाएगा। दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार होना इसकी सबसे बड़ी वजह है। राजस्थान में वसुंधरा राजे को उम्मीदवार तय किया जा सकता है, इसलिए भाजपा सावधानीपूर्वक उम्मीदवार चुनेगी। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपनी पहली सूची में एक सांसद को हटाया है।
साल के अंत में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, लेकिन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। भाजपा इन तीन राज्यों में बहुत मजबूत है, जहां उसे लोकसभा की 75 सीटों में से 72 मिलती हैं। ऐसे में वह इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही रणनीति के तहत हारी हुई सीटों पर अधिक मेहनत कर रही है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में हाल में तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसद और एक राष्ट्रीय महासचिव सहित अपने अधिकांश प्रमुख नेताओं को विधानसभा के चुनाव मैदान में उतारा है।
बडे़ नेताओं को पार्टी करेगी चुनाव में आगे
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी एक नवीन रणनीति के तहत प्रमुख नेताओं को नियुक्त कर रही है लेकिन प्रत्येक राज्य की आवश्यकताएं और योजनाएं अलग हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी प्रमुख नेता चुने जाएंगे, लेकिन यह मध्य प्रदेश की तरह नहीं होगा। भाजपा लगभग दो दशक से मध्य प्रदेश की सत्ता में है।
वे राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ताविरोधी वातावरण की ओर देखते हैं। सत्ताविरोधी वातावरण इसलिए अलग है। राजस्थान में तो हर पांच वर्ष में सरकार बदलती है, यही कारण है कि बड़े नेताओं को वहां की परिस्थिति पर निर्भर करेगा कि वे कितने पैसे खर्च करेंगे। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने पूर्व सांसद विजय बघेल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सांसद अरुण साव और सरोज पांडे (प्रदेश अध्यक्ष) भी पार्टी चुनाव लड़ा सकते हैं।
भाजपा देगी कांग्रेस को कड़ी टक्कर
वहीं बता दें कि राजस्थान में भाजपा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुनराम मेघवाल को चुनाव मैदान में उतार सकती है, लेकिन वसुंधरा राजे और राज्य में मौजूद समीकरणों को भी देखना होगा। पार्टी राजस्थान के सांसद भागीरथ चौधरी को भी चुनाव लड़ा सकती है। बाद में कांग्रेस से आई ज्योति मिर्धा को उनकी लोकसभा सीट पर उतारा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद किरोड़ीमल मीणा और सुखबीर सिंह जौनपुरिया भी चुनाव लड़ेंगे।
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