
उत्तराखंड में अब तक आकलन के अनुसार 1,335 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है। इसकी क्षतिपूर्ति के दृष्टिगत, राज्य आपदा मोचन निधि से 223 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा चुकी है, लेकिन शेष 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता के लिए राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेज रही है। इसे लेकर कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। उत्तराखंड में मानसून की रफ्तार बंद पड़ने के बाद ही नुकसान का आंकलन हो पाएगा। तभी तस्वीर साफ हो पाएगी, लेकिन अब तक 1,335 करोड़ के नुकसान का पता लग पाया है।
इसमें सबसे अधिक नुकसान हरिद्वार जिले में हुआ है। इसके साथ ही, हरिद्वार जिले में केवल 652 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के दृष्टिगत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। फिलहाल, आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जा रही है, और उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार के बजट जारी करने के बाद इस नुकसान की भरपाई हो पाएगी।
बता दें अभी तक आंकलित की गई 1335 करोड़ रुपये की क्षति में 652 करोड़ का आकलन अकेले हरिद्वार में हुआ है। आपदा से हुई क्षति की भरपाई के दृष्टिगत सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हाल में कहा था कि मदद के लिए केंद्र से आग्रह किया जाएगा। अब सरकार की ओर से केंद्र को भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर कसरत प्रारंभ की गई है। मानसून के खत्म होते ही यह केंद्र को भेजा जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र से राज्य को ठीकठाक राशि उपलब्ध हो जाएगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार आपदा के कारण उत्तराखंड के प्रमुख विभाग में लोकनिर्माण विभाग को 364.24 करोड़, गन्ना विभाग को 464.49 करोड़, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को 132.42 करोड़, सिंचाई विभाग को 76.42 करोड़, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को 52.85 करोड़, पंचायती राज विभाग को 44.49 करोड़, पारेषण निगम को 39.53 करोड़, शहरी विकास विभाग को 23.43 करोड़, वन विभाग को 20.41 करोड़,ग्राम्य विकास विभाग को 18.28 करोड़, कृषि विभाग को 13.91 करोड़, ऊर्जा निगम विभाग को 28.71 करोड़ और पेयजल विभाग को 10.96 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।
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