Uttarakhand: बारिश के बाद टपकेश्वर मंदिर में हुआ भूस्खलन, मुख्य गेट के पास आया मलबा, प्रशासन ने कराया साफ

देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर में भूस्खलन भूस्खलन हुआ है। मंदिर के मुख्य गेट पर पहाड़ी से काफी मलबा आ गया है। इस स्थिति में, दर्शन के लिए श्रद्धालु की आवाज़ नहीं सुनाई दे रही थी, जिससे एक बड़ी हादसे की संभावना थी। इसलिए मंदिर प्रशासन ने मलवे को गेट के पास से हटाने का काम शुरू किया है। हालांकि, भारी बरसात की वजह से मंदिर के ऊपरी हिस्से में जो पहाड़ी है, वहां से पानी का धीरे-धीरे रिसाव भी हो रहा है, जिससे खतरा बना रहता है। इस भूस्खलन के घटनाक्रम के स्थान पर एक लिफ्ट भी है, और उसके बगल में ही मंदिर प्रशासन द्वारा एक और लिफ्ट का निर्माण किया गया है। यहां से बुजुर्ग, विकलांग और वृद्ध श्रद्धालुओं की आवाजें आती हैं, और भूस्खलन के बावजूद, लिफ्ट और मंदिर को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। साथ ही, सोमवार के दिन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।
बता दें टपकेश्वर महादेव मंदिर देहरादून का प्रसिद्ध मंदिर है जो देहरादून से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर गढ़ी कैंट में स्थित है यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं, इसके साथ ही यहां 5100 रुद्राक्ष का शिवलिंग भी बना है, जो श्रद्धालुओं की आस्था का मुख्य केंद्र होता है,, इसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचते हैं, पौराणिक मान्यता के अनुसार आदिकाल में भोले शंकर ने यहां देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे।
इस मंदिर की शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं। इसलिए मंदिर का नाम टपकेश्वर महादेव मंदिर पड़ा, इस मंदिर का इतिहास महाभारत और रामायण काल से जुड़ा हुआ है, दूसरी मान्यता के अनुसार यहां द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा का जन्म हुआ था, और जब अश्वत्थामा की मां उन्हें दूध नहीं पिला पा रही थी तो उन्होंने भोलेनाथ से प्रार्थना की जिसके बाद गुफा के अंदर दूध टपकने लगा और अश्वत्थामा को पीने के लिए दूध मिला, जिस गुफा में मंदिर बना है आज भी गुफा की छत पर कई गऊ थन जैसी आकृतियां बनी है।
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