जंगली फल जिसे खाने से शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ बीमारी भी होती है दूर

एमसीबी जिले वनांचल क्षेत्रों के जंगलों में तेंदू के पेड़ो में लगा तेंदू का फल गर्मी आते ही पक कर तैयार हो जाता है, जिसे ग्रामीण गर्मी के इस तेंदू के पेड़ में लगे फल को बड़े ही आनंद के साथ इस फल का स्वाद लेकर खाते है, साथ शहर के वासी भी इसका फल को खा कर आनंद लेते हैं। यह एक जंगली फल है। इस फल का स्वाद मीठा और स्वादिष्ट होता है, और साथ ही इस फलदार तेंदू के पेड़ के पत्ती से बीड़ी भी बनाई जाती है जिसे वन विभाग हर मौसम में तेंदू की पत्ते को ठेकेदारों को ठेका देकर तोड़ जाती है।
आपको बता दें कि बाजार में नजर आने अधिकतर फलों से आप सभी परिचित होंगे, लेकिन इन रंग- रंगीले फलों में से कुछ ऐसे भी हैं, जिनके बारे में शायद ही सभी जानते हों। उन्ही में से एक है, तेंदू का फल। इसमें मौजूद मिनरल और विटामिन की कई गंभीर बीमारियों को हमसे दूर रखने में सक्षम बनाते हैं। इन्हीं खासियतों को देखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम तेंदू फल के फायदे और उपयोग से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बता रहे हैं, ताकि इस फल का बखूबी लाभ हासिल कर सकें। तेंदू फल विभिन्न शारीरिक समस्याओं से बचाने के साथ-साथ बीमारी की अवस्था में कुछ लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है।
तेंदू के पेड़ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के जंगलों में अधिकांश तेदु के पेड़ पाए जाते हैं। तेंदू के पेड़ में लगे फल को खाने से नपुंसकता मिटाता है और साथ ही इसके सेवन से शारीरिक पेट के दस्त जो होता है उसे भी बंद करता है, यह अनेक बीमारियों को नष्ट करता है गर्मी के दिनों में इसका सेवन करने से “लूह” भी नहीं लगती है। ग्रामीण अंचलों में यह फल ग्रामीणों की आय का साधन भी है। साथ ही तेंदू पेड़ को हरा सोना भी कहा जाता है, क्योंकि हर साल इस तेंदू के छोटे वृक्षों के पत्ता को दूसरे राज्यो के ठेकेदारों को बेचकर सरकार को करोडों रुपये की आये भी होती है।
एमसीबी जिले के हजारों आदिवासी परिवारों के लिए तेंदू पत्ता की तोड़ाई आय का मुख्य स्रोत भी है, लेकिन अब इस साल तेंदूपत्ता के साथ-साथ तेंदू का फल भी ग्रामीणों के लिए आय का स्त्रोत काफी हद तक बढ़ गया है ग्रामीण हमेशा से ही तेंदू के फलों को छोटे-छोटे बाजारों में बेचते है, क्योंकि तेंदू फल में कॉपर, पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैंगनीज, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन सी और सेलेनियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित होते हैं।
तेंदू का फल मीठा तथा स्वादिष्ट तो है ही इसके फल व छाल का आयुर्वेदिक महत्व भी है। तेंदू फल की बिक्री से भी ग्रामीणों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है। तेंदू फल पेड़ों में जनवरी से अप्रैल माह तक आता है। गांवों से अभी तेंदू फल बाजार में बिकने रोजाना पहुंच रहा है, अभी पेड़ में काफी मात्रा में फल लगे हुए हैं।