सौरव गांगुली को अध्यक्ष पद से हटाए जानें पर छिड़ा सियासी बवाल, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आए आमने सामने
भारत के सबसे बड़े बोर्डों में से एक BCCI के अध्यक्ष पद को लेकर चुनावी तपिश अपने चरम पर है। आपको बता दें कि जैसे ही सौरभ गांगुली के अध्यक्ष पद से हटने की बात हुई तो राजनीतिक गलियारों से तरह-तरह की आवाजें आना शुरू हो गईं। इसी कड़ी में भाजपा और TMC यानी तृणमूल कांग्रेस को ये बात नगबारा गुजरी की जब देश के गृह मंत्री के बेटे चेयरमैन के पद पर विराजमान रह सकते हैं तो फिर गांगूली को दूसरी बार अध्यक्ष बनाने में क्या दिक्कत है। इन्हीं आरोपों के साथ भाजपा खेमे में राजनीतिक खलबली सी मच गई है।
मिली जानकारी के हिसाब से भाजपा ने आरोपों को निराधार बताया है। भाजपा ने कहा कि उसने कभी भी गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं की। साथ ही सवाल उठाया है कि क्या तृणमूल कांग्रेस ने गांगुली को बीसीसीआई का अध्यक्ष बनवाया था?
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश देने की कोशिश की थी कि सूबे में लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘हम इस मामले में सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन चूंकि भाजपा ने चुनाव के दौरान और बाद में इस तरह का प्रचार किया।’
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इसे ‘निराधार’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि भाजपा ने सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कब की। सौरव गांगुली एक दिग्गज क्रिकेटर हैं। कुछ लोग अब बीसीसीआई में बदलाव पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।’